वर्ल्ड कप में 10 नहीं 25 टीमें खेलनी चाहिए : सचिन तेंदुलकर

नई दिल्‍ली : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने आईसीसी के उस फ़ैसले को लेकर आपत्ति जताई है जिसके मुताबिक 2019 वर्ल्ड कप में 10 टीमों के खिलाने की बात तय की जा रही है। मौजूदा वर्ल्ड कप में 14 टीमें हिस्सा ले रही हैं लेकिन आईसीसी इसकी संख्या घटाकर 14 से 10 करना चाहता है। सचिन तेंदुलकर के मुताबिक ये कदम पीछे हटाने जैसा फ़ैसला होगा। उनके मुताबिक असोसिएट सदस्यों के लिए ये फ़ैसला बिल्कुल सही नहीं होगा।

सचिन तेंदुलकर मौजूदा वर्ल्ड कप के ब्रैंड अंबैसडर भी हैं। उनके मुताबिक आईसीसी के फ़ुल मेंबर टीमों की A टीम को असोसिएट सदस्यों के साथ बराबर मैच खेलने चाहिए। उन्होंने कहा कि दस टीमों को अगले वर्ल्ड कप में खिलाने का निर्णय उनके लिए मायूसी भरा है। क्योंकि वो चाहते हैं कि ये खेल दुनिया भर में फ़ैले। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे तरीके ढूंढने चाहिए जिससे छोटी टीमों का हौसला बढ़े।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन की दलील थी कि वर्ल्ड कप जैसे प्रीमियम टूर्नामेंट में प्रतियोगिता अच्छी दिखनी चाहिए। वैसे अबतक टूर्नामेंट में असोसिट सदस्य यानी आयरलैंड और अफ़गानिस्तान जैसी टीमों ने बड़ी टीमों को भी अच्छी टक्कर दी है और जीत भी हासिल की है। तेंदुलकर कहते हैं कि सभी वर्ल्ड कप में छोटी टीमें बड़ी टीमों को चौंकाती रही हैं। उनका मानना है कि अगर इन टीमों को सही प्लेटफ़ॉर्म मिले तो ये ऐसा कारनामा बराबर कर सकती हैं।

उनका मानना है कि छोटी टीमों को चार साल के बाद ही ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका, न्यूज़ीलैंड, वेस्ट इंडीज़ और श्रीलंका जैसी टॉप टीमों से टकराने का मौक़ा मिलता है। ऐसे में उनसे एकाएक बड़े धमाके की उम्मीद करना ग़ैरवाज़िब है।

एक दिलचस्प आंकड़ा ये है कि 2011 वर्ल्ड कप के बाद आयरलैंड जैसी टीम को सिर्फ़ 11 मैचों में फ़ुल मेंबर टीम के ख़िलाफ़ खेलने का मौक़ा मिला है। फिर भी आयरलैंड ने इस वर्ल्ड कप में विंडीज़ टीम को शिकस्त देकर सबको हैरान कर दिया।

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क्रिकेट को ग्लोबल स्पोर्ट बनाने के लिए तेंदुलकर ने आईसीसी को कई सुझाव दिए हैं जिनमें एक अहम सुझाव ये है कि वो वनडे को 25-25 ओवरों की दो पारियों में बांटना चाहते हैं। उम्मीद ज़रूर करनी चाहिए कि आईसीसी क्रिकेट की सबसे बारीक समझ रखने वाली आवाज़ पर ग़ौर फ़रमाएगा।