यह ख़बर 02 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

श्रीलंका ने हराया कंगारुओं को, भारत का सपना चूर

खास बातें

  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम मुकाबले में नौ रन से मिली जीत के साथ श्रीलंका ने भारत को बाहर करते हुए त्रिकोणीय शृंखला के बेस्ट आफ थ्री फाइनल में प्रवेश कर लिया।
मेलबर्न:

लसिथ मलिंगा की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम मुकाबले में नौ रन से मिली जीत के साथ ही श्रीलंका ने भारत को बाहर करते हुए त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट शृंखला के बेस्ट आफ थ्री फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां उसका सामना मेजबान से होगा।

ऑस्ट्रेलिया ने डेनियल क्रिस्टियन की हैट्रिक समेत पांच विकेट की बदौलत श्रीलंका को 50 ओवर में 238 रन पर समेट दिया। जवाब में हालांकि मलिंगा की बेहतरीन गेंदबाजी के सामने मेजबान टीम 49.1 ओवर में 229 रन पर आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया पहले ही फाइनल में पहुंच चुका था। श्रीलंका के इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया के बराबर 19 अंक हो गए, जबकि भारत के 15 अंक ही रहे, जो रविवार से शुरू हो रहे बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल से बाहर हो गया है।

इसके साथ ही भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे का आज शर्मनाक अंत हो गया। इस दौरे पर भारत चार टेस्ट मैचों की शृंखला 4-0 से गंवाने के साथ मौजूदा त्रिकोणीय शृंखला के फाइनल में भी नहीं पहुंच सका। ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में 10 रन की जरूरत थी और खतरनाक डेविड हसी (74) क्रीज पर थे। नुवान कुलशेखरा की पहली ही गेंद पर उन्होंने हवा में शॉट खेला और लॉन्ग ऑफ पर तिलकरत्ने दिलशान ने बेहतरीन कैच लपककर ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

पहले बल्लेबाजी करने वाली श्रीलंकाई टीम क्रिस्टियन और जेम्स पेटिनसन का सामना नहीं कर सकी। क्रिस्टियन ने नौ ओवर में 31 रन देकर पांच विकेट लिए। जेम्स पेटिनसन ने 10 ओवर में 51 रन देकर चार विकेट लिए। अभी तक सिर्फ आठ वनडे खेल चुके 28 बरस के क्रिस्टियन ने 44वें ओवर में हैट्रिक लगाई। उन्होंने तिसारा परेरा (5), सचित्रा सेनानायके (0) और नुवान कुलशेखरा (0) को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया।

श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा (64), दिनेश चांदीमल (75) और लाहिरू तिरिमन्ने (51) ने उपयोगी पारियां खेलीं। श्रीलंकाई टीम की शुरुआत खराब रही और जब स्कोर बोर्ड पर 20 रन भी नहीं टंगे थे, तब उसके सलामी बल्लेबाज आउट हो गए। कप्तान महेला जयवर्धने (5) सबसे पहले रवाना हुए। दूसरे ओवर में डेविड हस्सी ने उन्हें रनआउट किया। तिलकरत्ने दिलशान ने एक रन के लिए पुकारा और जयवर्धने ने शुरुआती हिचकिचाहट के बाद जवाब दिया। दूसरे छोर पर हस्सी ने एक हाथ से गेंद उठाकर सीधे थ्रो पर जयवर्धने को आउट किया।

दिलशान भी ज्यादा देर नहीं टिक सके। जेम्स पैटिनसन ने उन्हें पैवेलियन भेजा। उछालभरी गेंद देखकर दिलशान हैरान रह गए और बैकफुट पर जाकर खेलने के प्रयास में विकेट के पीछे मैथ्यू वेड को कैच दे बैठे। उस समय श्रीलंका का स्कोर दो विकेट पर 17 रन था। इसके बाद संगकारा और चांदीमल ने पारी को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की। चांदीमल ने जहां आक्रामक शॉट लगाए, वहीं संगकारा ने पारी के सूत्रधार की भूमिका निभाई। संगकारा ने 93 गेंद का सामना करके सिर्फ तीन चौके लगाए। वह 29वें ओवर में पैटिनसन की आखिरी गेंद पर डीप स्क्वेयर लेग में पीटर फोरेस्ट को कैच देकर पैवेलियन लौटे।

अपनी पारी में तीन चौके और दो छक्के लगाने वाले चांदीमल को एक नाटकीय जीवनदान भी मिला। पारी के 35वें ओवर में तिरिमाने ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान शेन वॉटसन की गेंद पर जोखिमभरा तीसरा रन लेने उन्हें बुलाया। प्वाइंट सीमा पर खड़े बेन हिलफेनहास के थ्रो ने जब गिल्लियां बिखेरीं, तब चांदीमल क्रीज के बाहर थे, लेकिन टीवी रिप्ले ने बताया कि हिलफेनहास का पैर सीमारेखा को छू गया था। बाद में पैटिनसन ने चांदीमल को पैवेलियन भेजा। मैके ने मिडऑफ पर उनका कैच लपका।

आम तौर पर उपयोगी साबित होने वाले एंजेलो मैथ्यूज और तिसारा परेरा ने निराश किया। मैथ्यूज ने क्रिस्टियन की गेंद पर जेवियर डोहर्टी को कैच थमाया। वहीं परेरा ने डीप मिडविकेट सीमा पर माइक हस्सी को कैच दिया।

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जवाब में ऑस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और उसके तीन विकेट 26 रन पर उखड़ गए। मलिंगा ने डेविड वार्नर (6) और पीटर फोरेस्ट (2) को सस्ते में आउट किया, जबकि वेड (9) को कुलशेखरा ने पैवेलियन भेजा। कप्तान शेन वाटसन ने माइक हस्सी के साथ चौथे विकेट के लिए 87 रन जोड़े। हस्सी 29 रन बनाकर तिरिमाने की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। वाटसन ने 83 गेंद का सामना करके पांच चौकों की मदद से 65 रन बनाए। डेविड हसी ने 74 गेंद में 74 रन बनाए, जिसमें चार चौके और 48वें ओवर की पहली गेंद पर रंगाना हेराथ को जड़ा छक्का शामिल था।