यह ख़बर 08 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मैकाय का चमत्कारिक प्रदर्शन, ऑस्ट्रेलिया चैंपियन

खास बातें

  • क्लाइंट मैकाय के चमत्कारिक प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद तीसरे और निर्णायक फाइनल में श्रीलंका को 16 रन से हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।
एडिलेड:

क्लाइंट मैकाय के चमत्कारिक प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद गुरुवार को एडिलेड में तीसरे और निर्णायक फाइनल में श्रीलंका को 16 रन से हराकर कामनवेल्थ बैंक त्रिकोणीय श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की। मैच उतार चढ़ाव वाल रहा लेकिन आखिर में मैकाय का साहसिक खेल निर्णायक साबित हुआ। ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर मध्यक्रम ढहने से 49.3 ओवर में 231 रन पर आउट हो गयी। ऑस्ट्रेलिया यदि इस स्कोर तक भी पहुंच पाया तो उसका श्रेय ब्रेट ली (32) और मैकाय (28) को जाता है जिन्होंने आठवें विकेट के लिए बहुमूल्य 40 रन जोड़े। इसके विपरीत श्रीलंका की शुरुआत बेहद खराब रही।

उसके चोटी के चार बल्लेबाज 53 रन तक पवेलियन लौट गये थे। उपुल तरंगा (71) ने उम्मीदें बनाये रखी लेकिन उनके आउट होते हुए ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका की टीम 48.5 ओवर में 215 रन पर समेट दी। मैकाय ने 28 रन देकर पांच, ली ने 59 रन देकर तीन और शेन वाटसन ने 13 रन देकर दो विकेट लिये। ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में पहला फाइनल 15 रन से जीता था लेकिन श्रीलंका ने एडिलेड में ही खेले गये दूसरे फाइनल में आठ विकेट से जीत दर्ज करके अच्छी वापसी की थी। टूर्नामेंट की तीसरी टीम भारत पहले ही बाहर हो गयी थी।

श्रीलंका के सभी गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। स्पिनर रंगना हेराथ और तेज गेंदबाज फारवेज महरूफ ने तीन तीन विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलियाई पारी को समेटने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन श्रीलंकाई बल्लेबाज अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाये। महेला जयवर्धने (15), तिलकरत्ने दिलशान (8 ), कुमार संगकारा (19) और दिनेश चंदीमल (5) ने क्रीज पर उतरते ही गेंदबाजों पर हावी होने की रणनीति अपनायी लेकिन इसमें वे पूरी तरह से असफल रहे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उनकी इस रणनीति का ही फायदा उठाकर विकेट लिये। ब्रेट ली के पहले ओवर में आठ रन बने और उनके साथ गेंदबाजी का आगाज करने वाले जेवियर डोहर्टी के ओवर में दिलशान ने दो चौके लगाये। ली ने हालांकि अगले ओवर में दिलशान को आसान कैच देने के लिये मजबूर किया और नये बल्लेबाज संगकारा को भी बाहर जाती गेंद पर स्लिप में वाटसन के हाथों लपकवाया।

मैकाय ने चमारा कापुगेदारा (7) को ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया जबकि ली ने पहले फाइनल में 73 रन की धमाकेदार पारी खेलने वाले नुवान कुलशेखरा (15) को खतरा बनने से पवेलियन भेज दिया। जब श्रीलंका को 25 गेंद पर 28 रन की दरकार थी तब वाटसन की गेंद पर ड्राइव करने के प्रयास में तरंगा आउट हो गये। महरूफ (18)) डटे रहे लेकिन मैकाय ने दूसरे छोर से हेराथ और लसिथ मालिंगा को आउट करने में देर नहीं लगायी। इससे पहले पिछले दो मैचों में शतक जड़ने वाले वार्नर ने आक्रामक अंदाज में 45 गेंद में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 48 रन बनाए लेकिन वह महरूफ की गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकारा को कैच दे बैठे।

वेड ने इसके बाद कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन (19) के साथ तेजी से 40 रन जोड़े। वाटसन हालांकि दिलशान की गेंद को उठाकर मारने की कोशिश में डीप मिडविकेट पर हेराथ को कैच दे बैठे।

वाटसन के आउट होने के बाद दिलशान, महरूफ और हेराथ ने धीमी पिच पर अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया जिससे ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 15 ओवर में सिर्फ 58 रन जोड़कर पांच विकेट गंवाए। हेराथ ने इसके बाद पीटर फोरेस्ट (03) को बोल्ड किया। महरूफ ने डेविड हसी (19) को पगबाधा आउट करके ऑस्ट्रेलिया को छठा झटका दिया लेकिन टीवी रीप्ले में अंपायर असद राउफ का यह फैसला संदिग्ध लगा। डेनियल क्रिस्टियन (19) ने हेराथ पर दो चौके मारे लेकिन वह महरूफ की धीमी गेंद पर चूक गए और जयवर्धने को मिड आफ पर आसान कैच दे बैठे।

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ली और मैकाय ने इसके बाद टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया। हेराथ ने मैकाय को आउट किया जबकि कुलशेखरा ने पारी के अंतिम ओवर में लगातार दो गेंदों पर ली और नाथन लियोन (00) को बोल्ड करके मेजबान टीम की पारी का अंत किया। श्रीलंका के लिए एकमात्र निराशाजनक पहलू स्टार गेंदबाज लसिथ मलिंगा की गेंदबाजी रही जिन्होंने 10 ओवर में 69 खर्च कर दिए जबकि उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। मैकाय को मैन आफ द मैच जबकि दिलशान को मैन आफ द सीरीज चुना गया।