क्या झारखंड के युवा क्रिकेटर ईशान किशन टीम इंडिया के कैप्टन धोनी की तरह कमाल कर पाएंगे

क्या झारखंड के युवा क्रिकेटर ईशान किशन टीम इंडिया के कैप्टन धोनी की तरह कमाल कर पाएंगे

ईशान किशन (फोटो फेसबुक से साभार)

नई दिल्ली:

एमएस धोनी के रूप में झारखंड क्रिकेट ने भारत को अब तक का सबसे सफल कप्तान दिया है। धोनी ने टीम इंडिया को अपने नेतृत्व से हर स्तर पर चैंपियन बनाया। अब उन्हीं की तरह भारतीय क्रिकेट में झारखंड से ही एक और नाम उभरा है। इस युवा सितारे का नाम है ईशान किशन। ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की कमान सौंपी गई है। हम आपको इस युवा क्रिकेटर से परिचित करा रहे हैं।

धोनी की तरह ही विकेटकीपर बैट्समैन
ईशान किशन न केवल धोनी के राज्य झारखंड से रणजी खेलते हैं, बल्कि वे धोनी की ही तरह आक्रामक विकेटकीपर बैट्समैन हैं। वैसे ईशान झारखंड के लिए ओपनिंग भी कर चुके हैं, लेकिन उन्हें किसी भी पोजिशन पर खेलने में कोई भी परेशानी नहीं है। कोच राहुल द्रविड़ भी उन्हें ओपनिंग के साथ-साथ मध्यक्रम में भी आजमा चुके हैं। ईशान को झारखंड की सीनियर टीम में लाने वाले टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज सुब्रतो बैनर्जी ने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि उन्होंने ईशान को पहली बार झारखंड टीम की नेट प्रैक्टिस के दौरान कई सीनियर गेंदबाजों की पिटाई करते हुए देखा था। उनके अनुसार ईशान जिस तरह से खेल रहे थे, उससे वे आश्चर्यचकित रह गए थे। बिल्कुल धोनी की ही तरह वे भी गेंदबाज के स्तर को नहीं देखते, बल्कि गेंद को देखते हैं और उसे सही अंजाम देते हैं।

ऐसे मिली कप्तानी : कोच द्रविड़ ने आजमाए कई कप्तान
अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले। द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा। वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया।  

इस तरह करियर ने पकड़ी राह
ईशान किशन मूलतः बिहार के पटना जिले के रहने वाले हैं, लेकिन उनके पिता का रांची में बिजनेस है, इसलिए उन्होंने अपना क्रिकेट करियर संवारने के लिए झारखंड को चुना। ईशान ने पटना में उत्तम मुखर्जी से क्रिकेट सीखना शुरू किया, लेकिन बाद में वे झारखंड शिफ्ट हो गए और वहां ट्रेनिंग लेते हुए अपने प्रदर्शन से अंडर-15 टीम की कप्तानी हासिल की। इसके बाद टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज सुब्रतो बैनर्जी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और पिछली विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड की सीनियर टीम से उन्हें मौका मिला।

पहले ही लिस्ट-ए मैच में छोड़ी छाप
ईशान ने मार्च, 2014 में ओडिशा के खिलाफ खेले गए अपने पहले ही लिस्ट-ए मैच में मध्यक्रम में खेलते हुए अपनी बल्लेबाजी से सबका ध्यान आकर्षित किया था। विजय हजारे ट्रॉफी के इस मैच में उन्होंने 44 रनों की सधी हुई पारी खेली और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

रणजी डेब्यू भी रहा शानदार
ईशान को झारखंड की ओर से पहला रणजी मैच खेलने का मौका 2014 के अंत में असम के खिलाफ मिला। इस मैच में उन्होंने ओपनिंग की। ईशान ने टिककर खेलने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 126 गेंदों में 60 रन बनाए, जिसमें 9 चौके शामिल थे। उन्होंने अभी तक प्रथम श्रेणी के 10 मैच खेले हैं, जिनमें 736 रन बनाए हैं। उनका औसत 40.88 है। ईशान के खाते में एक सेंचुरी और पांच फिफ्टी हैं, जबकि विकेटकीपर के रूप में उन्होंने अब तक 13 कैच और 5 स्टम्पिंग की हैं।

हाल ही में जड़ा था शतक
ईशान ने इसी रणजी सत्र में पिछले ही महीने जम्मू कश्मीर के खिलाफ खेलते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक जमाया। इस मैच में उन्होंने आक्रामकता और अच्छी तकनीक का प्रदर्शन करते हुए 124 गेंदों में 109 रन बनाकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अपनी पारी में ईशान ने 17 चौके और एक छक्का लगाया था।

जबर्दस्त टर्निंग विकेट पर जडेजा की भी कर चुके हैं पिटाई
अक्टूबर, 2015 में सौराष्ट्र के खिलाफ खेले गए रणजी मैच में राजकोट की पिच पर पहली ही गेंद से धूल उड़ रही थी और गेंद काफी घूम रही थी। ऐसे में झारखंड के लिए ओपनिंग करते हुए ईशान ने स्पिनरों के खिलाफ जबर्दस्त तकनीक का प्रदर्शन करते हुए 69 गेंदों में 87 रन की पारी खेली, जिसमें उन्होंने 8 छक्के और 4 चौके लगाए, जबकि इसी पिच पर सौराष्ट्र के आगे त्रिपुरा की टीम नतमस्तक हो गई थी। इस मैच में किशन ने टीम इंडिया के ऐसी पिचों पर बेहद खतरनाक माने जाने वाले स्पिनर रवींद्र जडेजा का भी बखूबी सामना किया और उनकी गेंदों की भी पिटाई की।

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अब ईशान के सामने बांग्लादेश की मेजबानी में अगले साल 27 जनवरी से 14 फरवरी तक होने वाले आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करके सीनियर टीम में आने का सुनहरा मौका है। टीम इंडिया चौथी बार यह खिताब हासिल करने का प्रयास करेगी। इससे पहले वह 2000, 2008 और 2012 में यह खिताब जीत चुकी है।