यह ख़बर 18 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सचमुच में ‘वैरी-वैरी स्पेशल’ रहे लक्ष्मण!

खास बातें

  • वीवीएस लक्ष्मण की क्षमता को पहचाने के लिए सिर्फ आंकड़ों पर गौर करना और इसका विशलेषण करना सबसे बदतर तरीका होगा क्योंकि पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय में इस दिग्गज बल्लेबाज का भारतीय क्रिकेट में योगदान इससे कहीं बढ़कर है।
हैदराबाद:

वीवीएस लक्ष्मण की क्षमता को पहचाने के लिए सिर्फ आंकड़ों पर गौर करना और इसका विशलेषण करना सबसे बदतर तरीका होगा क्योंकि पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय में इस दिग्गज बल्लेबाज का भारतीय क्रिकेट में योगदान इससे कहीं बढ़कर है।

‘वैरी-वैरी स्पेशल’ का विशेषण पाने वाले लक्ष्मण ने अब जब अपने अंतरराष्ट्रीय करियर पर विराम लगा दिया है जब भारत की अगली पीढ़ी के टेस्ट बल्लेबाजों के लिए उनकी जगह लेना आसान नहीं होगा क्योंकि हैदराबाद के इस कलात्मक बल्लेबाज ने काफी उंचे मापदंड स्थापित किए हैं।

लक्ष्मण को कभी सचिन तेंदुलकर की तरह जीनियस नहीं माना गया। उनमें वीरेंद्र सहवाग जैसी आक्रामकता या राहुल द्रविड़ दृढ़ता भी नहीं थी लेकिन इसके बावजूद वह हमेशा भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल रहेंगे।

लक्ष्मण एक कुशल बल्लेबाज थे जिसे लोग कभी नहीं भूल सकते। उनकी कलाई का जादू दर्शनीय था जिसकी बदौलत वह ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को मिडविकेट पर बड़ी सहजता के साथ खेलते थे।

तुरंत प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले लक्ष्मण ने 134 टेस्ट में 45.97 की औसत से 8781 रन बनाए। उन्होंने 17 शतक और 56 अर्द्धशतक भी जड़े जिनकी बदौलत भारत ने कई टेस्ट ड्रा कराए जबकि कई मैचों में जीत दर्ज करने में सफल रहा।

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दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 86 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जिसमें उन्होंने 30.76 की औसत से 2338 रन भी बनाए।