मां को आज भी यकीन नहीं होता मैं रिटायर हो गया हूं, कई दिन तक रोती रहीं : वीरेंद्र सहवाग

मां को आज भी यकीन नहीं होता मैं रिटायर हो गया हूं, कई दिन तक रोती रहीं : वीरेंद्र सहवाग

एनडीटीवी से बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग

नई दिल्ली:

भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को हमेशा यह मलाल रहेगा कि उनकी विदाई क्रिकेट के मैदान में नहीं हुई। एनडीटीवी से हुई खास बातचीत में उन्होंने बैटिंग करते हुए गाना गाने से लेकर यह भी बताया कि उनके लिए नया सफर शुरू हो गया है। वह शेन वार्न और सचिन तेंदुलकर के साथ ऑल स्टार टी20 लीग में खेलेंगे।

वीरेंद्र सहवाग को मलाल
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि जिस दौरान मुझे ड्रॉप किया गया तो अगर सेलेक्टर्स मुझसे बात करते तो मैं उन्हें बताता कि मुझे एक या दो मैच दें तो मैं अपनी रिटायरमेंट अनाउंस कर सकता हूं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। आपको किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता है।

बर्थ-डे सरप्राइज
संन्यास के बारे में अगर मैं अपनी फैमिली से डिसकस करता तो वे मुझे रिटायर नहीं होने देते, लेकिन मैंने उन्हें पहले बता रखा था कि मैं रिटायरमेंट लेने वाला हूं। बर्थडे के दिन ही लूंगा ये उनके लिए भी सरप्राइज था। मेरी मां को तो आज भी यकीन नहीं होता। वह आज भी इमोशनल हो जाती हैं। रोने लगती हैं कि मेरा बेटा मुझे टीवी पर देखने को नहीं मिलेगा। मेरे बच्चे ने भी कहा कि पापा आप रिटायरमेंट क्यों ले रहे हैं। वैसे भी अब मैं वापसी की उम्मीद भी नहीं कर रहा था। अगर होती भी तो मैं कर नहीं पाता, क्योंकि यंगस्टर्स अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं।

सचिन से अलग पहचान
मैंने सचिन तेंदुलकर को टीवी में देखकर क्रिकेट खेलना सिखा। उनकी तरह खेलने की कोशिश की। चाहता भी था कि मुझे लोग उनके जैसा बोलें। और लोगों ने बोला भी। मुझे गर्व महसूस हुआ। फिर मुझे महसूस हुआ कि मैं सचिन की तरह खेलना आसान नहीं था। कहीं न कहीं मुझे उनका रास्ता छोड़कर अपने स्टाइल में खेलना शुरू किया।

मां-बीवी के झगड़े में नहीं पड़ता
टी-शर्ट के नंबर को लेकर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि जब मेरा 44 नंबर चेंज हो रहा था कि मां और बीवी में 46 और 2 नंबर को लेकर बहस होती थी...। मैंने मां और बीवी की लड़ाई से दूर रहना ही अच्छा समझा। इसलिए मैंने डिसाइड किया कि मैंने दोनों ही नंबर नहीं पहनूंगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मैदान पर गाना गाने से निगेटिव विचार नहीं आते
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि किशोर कुमार के गाने गाने से मुझमें बॉल खेलने को लेकर निगेटिव विचार नहीं आते कि आप बॉल को बस मार दो... चौका मार दो, छक्का मार दो... इससे मैं आउट हो जाता था। गाने गाने से मैं जैसी बॉल होती उसी तरह से खेलता हूं। आज भी रणजी खेलते हुए मैं ऐसा करता हूं।

अन्य खबरें