खास बातें
- भारत की नई वनडे सलामी जोड़ी शिखर धवन और रोहित शर्मा भले ही कामयाब हो गए हैं, लेकिन पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे को चिंता है कि इससे सीनियर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को वापसी का मौका नहीं मिल सकेगा।
मुंबई: भारत की नई वनडे सलामी जोड़ी शिखर धवन और रोहित शर्मा भले ही कामयाब हो गए हैं, लेकिन पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे को चिंता है कि इससे सीनियर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को वापसी का मौका नहीं मिल सकेगा।
मोरे ने कहा, भारतीय क्रिकेट के लिए प्रतिस्पर्धा अच्छा संकेत है। इस समय अच्छी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। यदि कोई अनफिट है, तो गंभीर या सहवाग या जहीर वापसी कर सकते हैं। टीम को कठिन दौरों पर अनुभव भी चाहिए। धवन और शर्मा की जोड़ी ने कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
चैंपियंस ट्रॉफी और त्रिकोणीय शृंखला में भारत की खिताबी जीत में इनकी अहम भूमिका रही। इनकी तारीफ करते हुए मोरे ने कहा कि सहवाग और गंभीर में से एक तभी वापसी कर सकता है, बशर्ते आगामी घरेलू सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करें। इससे टीम के विकल्प बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, गंभीर और सहवाग को घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेलना होगा। उन्हें खुद पर भरोसा रखना होगा। यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। इस समय खेल रहे खिलाड़ियों को भी खराब दौर का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में टीम में इनके लिये जगह बन सकती है।
मोरे ने कहा, धवन और शर्मा अच्छे फील्डर भी हैं। उन्होंने अच्छी साझेदारियां की है, लेकिन इनमें से एक के अनफिट होने पर विकल्प तैयार रखना होगा। अगले विश्वकप में अभी दो बरस बाकी हैं, लेकिन मोरे ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में कुछ कमजोरियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे तेज गेंदबाजों की जरूरत है। अधिकांश तेज गेंदबाजों को बड़ी चोटें लगती है। उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। हमें तेज गेंदबाजी में और विकल्प चाहिए, जो इस समय नहीं हैं। मोरे ने कहा कि भारतीय टीम के कुछ युवाओं को और अनुभव की जरूरत है और टीम को विश्वकप 2015 को ध्यान में रखकर 25 खिलाड़ियों का पूल बनाना चाहिए।