वसीम अकरम ने इस ऐतिहासिक बदलाव के लिए सहवाग को नहीं, आफरीदी को दिया श्रेय, लेकिन अकरम यह भूल गए कि...

यह सभी जानते हैं कि जब सौरव गांगुली ने सहवाग को ओपनर बनाया, तो इस आतिशी भारतीय ओपनर ने दुनिया भर के गेंदबाजों की सुतली खोल डाली.

वसीम अकरम ने इस ऐतिहासिक बदलाव के लिए सहवाग को नहीं, आफरीदी को दिया श्रेय, लेकिन अकरम यह भूल गए कि...

वसीम अकरम के विचार हैरान करने वाले हैं

खास बातें

  • अकरम की राय बहुत ही अजीब है!
  • भारतीयों को स्वीकार नहीं है यह राय
  • वीरेंद्र सहवाग जैसा कोई नहीं !
नई दिल्ली:

दुनिया भर के क्रिकेट पंडित कुछ और कहते हैं, तो भारत विरोध के नाम पर पाकिस्तानी लीजेंड भी बहक ही जाते हैं. और जब बात वसीम अकरम की आती है, तो बहुत ही हैरानी होती है. सभी क्रिकेट पंडितों ने एकसुर से यह माना है कि जब बात टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग की आती है, तो यह वीरेंद्र सहवाग ही हैं, जिन्होंने इसकी परिभाषा बदल दी. और इसमें कोई शक भी नहीं है, लेकिन वसीम अकरम ऐसा नहीं मानते हैं. यह सभी जानते हैं कि जब सौरव गांगुली ने सहवाग को ओपनर बनाया, तो इस आतिशी भारतीय ओपनर ने दुनिया भर के गेंदबाजों की सुतली खोल डाली. और सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में ओपनर की परिभाषा को बदलते हुए हाहाहाकर मचा दिया. फील्डरों की पोजीशन बदल दी.

हालात ऐसे  थे कि पहले ओवर से ही सामने वाला कप्तान डीप प्वाइंट या डीप एक्स्ट्रा कवर खड़ा कर देते थे, लेकिन इसके बावजूद वसीम अकरम टेस्ट में ओपनर की परिभाषा बदलने की वजह  सहवाग को नहीं बल्कि शाहिद आफरीदी को मानते हैं. और उनका यह बयान चौंकाने वाली बात है.  

अकरम ने कहा कि टेस्ट में सहवाग देर से ओपनर बने, लेकिन यह शाहिद आफरीदी थे, जिन्होंने 1999-2000 में टेस्ट क्रिेकेट में ओपनिंग का माइंडसेट बदल दिया था. उन्होंने कहा कि बतौर गेंदबाज मैं जान गया था कि अगर मैं गेंदबाज होऊंगा, तो मैं आफरीदी को आउट कर सकता हूं, लेकिन मुझे यह भी पता था कि वह मेरे खिलाफ बाउंड्रियां भी बटोर सकते हैं. ये विचार अकरम ने आफरीदी के साथ यू-ट्यूब चैट में व्यक्त किए. आफरीदी ने भारत के साल 1999 के दौरे में बतौर ओपनर 141 रन की पारी खेली थी. बहरहाल, अकरम यह भूल गए कि जिस बल्लेबाज ने टेस्ट में बतौर ओपनर दो दोहरे शतक और एक ढाई सौ से ऊपर की पारी खेली. और लंबे समय तक बहुत ही बड़ा प्रभाव छोड़ा, उसकी तुलना आफरीदी से नहीं ही की जा सकती,


VIDEO:  जान लीजिए कि अपने करियर को लेकर क्या कह रहे हैं विराट कोहली. 

लेकिन दिक्कत यही है कि ये पाकिस्तानी लीजेंड भी भावनाओं में बहते हुए तर्कों को भूलकर अपने देश के खिलाड़ियों को श्रेय देते हैं. वैसे अकरम एक बात और भूल गए कि आफरीदी ने 1999 में यह पारी खेली, लेकिन आतिशी सनथ जयसूर्या ने साल 1997 में ही भारत के खिलाफ तिहरा शतक जड़ दिया था. तो अब बताओ अकरम अब क्या कहेंगे आप ??

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com