यह ख़बर 10 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में वापसी के मकसद से उतरेगी भारतीय टीम

नई दिल्ली:

वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय शृंखला में पहला मैच बड़े अंतर से गंवाने के बाद अब महेंद्र सिंह धोनी की टीम शनिवार को जब राष्ट्रीय राजधानी स्थित फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में खेलने उतरेगी तो उसका मकसद जीत के साथ सीरीज में वापसी करना रहेगा।

दूसरी ओर वेस्टइंडीज टीम कोच्चि एकदिवसीय में मिली 124 रनों की बड़ी जीत से बेहद उत्साहित है और कोटला में भी उन्हें बड़े स्कोर की उम्मीद रहेगी।

वेस्टइंडीज टीम ने पहले मैच में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सर्वोच्च स्कोर का नया कीर्तिमान गढ़ दिया। उल्लेखनीय है कि फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भी सर्वोच्च स्कोर का कीर्तिमान वेस्टइंडीज के ही नाम है।

वेस्टइंडीज ने यह कीर्तिमान 2011 में हुए विश्व कप के दौरान नीदरलैंड्स जैसी हल्की टीम के खिलाफ लगाया था।

भारतीय टीम के लिहाज से देखें तो भारत कोटला के मैदान पर 2005 के बाद से कोई मैच नहीं हारा है। तब से भारतीय टीम ने इस मैदान पर सात मैच खेले हैं, जिसमें पांच में उसे जीत मिली है जबकि एक मैच रद्द हो गया और एक मैच बेनतीजा रहा है।

भारत के लिए हालांकि कोटला में मौजूदा टीम के एकमात्र खिलाड़ी विराट कोहली ही शतक लगा सके हैं। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर कोटला में एक शतक के साथ सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।

बल्लेबाजी के लिए अनुकूल इस पिच पर धोनी क्या टीम में कुछ बदलाव के साथ उतरेंगे। नियमित स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की अनुपस्थिति में पिछले मैच में शामिल अमित मिश्रा जरा भी प्रभावित नहीं कर सके।

ऐसे में क्या कुलदीप यादव को पदार्पण का मौका दिया जा सकता है या पिछले मैच में बल्लेबाजों के खस्ताहाल प्रदर्शन को देखते हुए और बिना जोखिम उठाए क्या धोनी, रविंद्र जडेजा और सुरेश रैना जैसे पार्टटाइम स्पिन गेंदबाजों से काम चला टीम में एक विशेषज्ञ बल्लेबाज को बुलाएंगे।

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धोनी अगर ऐसा करते हैं तो मुरली विजय को मौका मिल सकता है। निचले क्रम में भी एक आक्रामक बल्लेबाज का कमी लग रही है। कोहली और रैना पर निश्चित तौर पर इस मैच में खुद को साबित करने का दबाव भी रहेगा।