कोलंबो टेस्ट के पहले दिन भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर जब बल्लेबाज़ी का फैसला लिया तो उन्होंने नहीं सोचा होगा कि टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब होगी। पहले ही ओवर में धमिका प्रसाद ने मुरली विजय को चलता कर दिया, लेकिन खास बात ये दिखी कि टीम इंडिया ने नंबर तीन बल्लेबाज़ के तौर पर रोहित शर्मा को नहीं भेजा।
जिस रोहित शर्मा को टीम के कप्तान और डायरेक्टर नंबर 3 का सबसे बेहतर बल्लेबाज़ बताते रहे, उन्हें श्रीलंका के तेज गेंदबाज़ों से बचाने की कोशिश की गई और अजिंक्य रहाणे को प्रमोट करके नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर भेजा गया।
जाहिर है ये बदलाव अजिंक्य रहाणे के लिए भी अच्छा नहीं रहा है और वे महज चार रन बनाकर आउट हो गए। रहाणे ने 11 गेंद खेलकर 4 रन बनाए। वे धमिका प्रसाद की ऑफ़ स्टंप से बाहर जाती गेंद को अपने शरीर से दूर खेलने की कोशिश में तीसरी स्लिप में लपके गए।
रहाणे का ये 17वां टेस्ट था और उन्हें पहली बार नंबर तीन बल्लेबाज़ के तौर पर उतारा गया। ये रहाणे को मौका देने के बदले रोहित शर्मा के दबाव को कम करने की कोशिश थी, लेकिन टीम प्रबंधन का ये दांव उल्टा पड़ गया।
हालांकि इस कोशिश ने रोहित शर्मा की टीम इंडिया में मौजूदगी पर और ज्यादा सवालिया निशान लगा दिया है। यह सब तब हो रहा है कि जब मौजूदा टीम का सबसे बेहतरीन नंबर 3 बल्लेबाज़ बेंच पर बैठने को मज़बूर है।
रोहित शर्मा ने नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर 3 टेस्ट में करीब 26 की औसत से 107 रन बनाए हैं, जबकि चेतेश्वर पुजारा ने नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर 24 टेस्ट मैचों में 49 से ज्यादा की औसत से 1814 रन बनाए हैं। इसमें 6 शतक भी शामिल है।
ऐसे में नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर चेतेश्वर पुजारा को बाहर करने कारण केवल विराट कोहली और रवि शास्त्री ही बता सकते हैं।