विराट कोहली से कथित मतभेद के बाद अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के कोच पद से इस्तीफा दे दिया है (फाइल फोटो)
खास बातें
- सहवाग, शास्त्री और मूडी सहित कई हैं कोच पद के दावेदार
- मांजरेकर बोले, इस मामले में कोहली को भरोसे में लिया जाए
- कर्स्टन बोले, टीम इंडिया की कोचिंग देते हुए पूरा लुत्फ उठाया
अनिल कुंबले और विराट कोहली का विवाद कुंबले के कोच पद से इस्तीफे के बावजूद क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है. अनिल कुंबले ने यह कारण बताते हुए टीम इंडिया के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था कि कप्तान कोहली को उनकी (कुंबले के) कोचिंग स्टाइल को लेकर दिक्कतें हैं. NDTV से जुड़े सूत्रों के अनुसार विभिन्न मुद्दों को लेकर इन दोनों के बीच गहरे मतभेद थे जिसका परिणाम कुंबले के इस्तीफे के रूप में आया. कुंबले के इस्तीफे के बाद अब टीम इंडिया और बीसीसीआई का ध्यान नए कोच के चयन पर टिक गया है. जानकारी के अनुसार, कोच पद के लिए वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत आदि ने दावेदारी पेश की है.
कोच के चयन के मुद्दे पर कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी अपनी राय जाहिर की है. टीम इंडिया के पूर्व मध्य क्रम के बल्लेबाज और कमेंटेटर संजय मांजरेकर चाहते हैं कि मौजूदा विवाद को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया के नए कोच के चयन के समय कप्तान कोहली को विश्वास में लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, भले ही कप्तान को कोच चयन की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया जाए लेकिन उसे इस मामले में भरोसे में लिया जाना चाहिए.
एक ट्वीट के जरिये उन्होंने यह विचार जताए. टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने भी इस मामले में अपनी राय रखी है. उन्होंने ट्वीट के जरिये कहा कि. 'मैंने टीम इंडिया के कोच के रूप से काम करते हुए पूरा आनंद उठाया. उम्मीद है कि वे अपनी टीम के लिए अच्छा कोच तलाश लेंगे.'
वैसे कुंबले-कोहली मुद्दे को जिस तरह से हेंडल किया गया, उसे लेकर क्रिकेटप्रेमियों में गहरी नाराजगी है. इसमें से कुछ अनिल कुंबले के पक्ष में हैं तो कुछ कप्तान कोहली के पक्ष में राय दे रहे हैं. कोच पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 9 जुलाई निर्धारित है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तीन सदस्यीय सलाहकार समिति को इस बारे में फैसला करना है. इस समिति में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं.