वेंगसरकर ने बताई तेंदुलकर के टीम में चुने जाने की पूरी कहानी, कैसे 15 साल की उम्र में बल्लेबाजी देख हो गए थे चकित..

भारत के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने तेंदुलकर के करियर को लेकर बात की है और बताया कि कैसे भारतीय क्रिकेट में उनकी शुरूआत हुई.

वेंगसरकर ने बताई तेंदुलकर के टीम में चुने जाने की पूरी कहानी, कैसे 15 साल की उम्र में बल्लेबाजी देख हो गए थे चकित..

वेंगसरकर ने बताई तेंदुलकर के टीम में चुने जाने की पूरी कहानी,

खास बातें

  • दिलीप वेंगसरकर ने सचिन के टीम इंडिया में चुने जाने की बताई कहानी
  • कैसे 15 साल की उम्र में तेंदुलकर की बल्लेबाजी देख हो गया था हैरान
  • बल्लेबाजी देख सबसे पहले मुंबई अंडर 15 टीम में करवाया उनका चयन

दुनिया में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से बड़ा नाम शायद ही वर्ल्ड क्रिकेट में अब देखने को मिले. सचिन ने इंटरनेशनल करियर का आगज केवल 16 साल की उम्र में किया था. तेंदुलकर के द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड इस बात को साबित करते हैं कि क्यों उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है. सचिन ने टेस्ट में 200 मैच खेले और इस दौरान 51 शतक जमाने का कमाल किया. बता दें कि सचिन ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट खेलकर डेब्यू किया था. भारत के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने तेंदुलकर के करियर को लेकर बात की है. उन्होंने क्रिकेट वेबसाइट Sportskeeda के साथ फेसबुक लाइव चैट में इस बार का खुलासा किया कि कैसे तेंदुलकर ने केवल 16 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम जगह बनाई. वेंगसरकर ने सचिन के साथ पहली मीटिंग को याद किया है. उन्होंने कहा कि साल 1988 में मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेला जा रहा था.

उस दौरान सचिन से पहली बार मिला. मैंने सचिन के बारे में सुन रखा था कि इंटर स्कूल मैचों में एक लड़का शानदार बल्लेबाजी कर काफी सारे रन बना रहा है.  इंटर स्कूल टूर्नामेंट 100 सालों से खेला जा रहा है और इस टूर्नामेंट ने कई क्रिकेटर भारत को दिए हैं. मैं अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने वाला था. मुंबई में हमारी प्रैक्टिस चल रही थी. टीम के कोच वासुदेव परांजपे (Vasudev Paranjpe) ने मुझसे आकर रहा कि, तुम्हें सचिन की बल्लेबाजी देखनी चाहिए, गजब का टैलेंट है. मैंने कहा कि ठीक है मैं बाद में देख लूंगा, लेकिन परांजपे के जोर देने पर मैं मैगान पर गया और तेंदुलकर की बल्लेबाजी देखी. मैंने कपिल देव (Kapil Dev), अरशद अयूब और चेतन शर्मा जैसे गेंदबाज को नेट पर सचिन को गेंदबाजी करने के लिए कहा.

पहले तो वो सभी 15 साल के तेंदुलकर को गेंदबाजी करने को लेकर काफी हैरान थे और उनका रिएक्शन था कि 'क्या उन्हें अब 15 साल के बच्चे को गेंद करनी होगी.' फिर मुझे सभी से कहना पड़ा कि यह बच्चा खास है, इसने स्कूल टूर्नामेंट में काफी रन बनाए हैं. उन गेंदबाजों का मैं शुक्रगुजार हैं जिन्होंने सचिन को गेंदबाजी की और अपने अहम को आगे आने नहीं दिया. 


नेट पर सचिन ने उन सभी बड़े गेंदबाजों को आसानी के खेला, उसने कमाल की बल्लेबाजी की. वेंगसरकर ने लाइव चैट में कहा कि शाम को मैंने मुंबई अंडर 15 टीम के चयनकर्ताओं को तेंदुलकर को टीम में शामिल करने के लिए कहा. हालांकि चयनकर्ताओं ने कहा कि उसे इतनी जल्दी टीम में शामिल करना जल्दबाजी होगी. उसे मैच के दौरान चोट भी लग सकती है, हमें उसके लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए. मैंने उनसे कहा कि आप उसे 15 सदस्यीय टीम में शामिल करें. वह खिलाड़ियों के साथ टीम में रहेगा तो कुछ सीख सकेगा.

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वेंगसरकर ने कहा कि तेंदुलकर ने अवसर को लपकना शुरू कर दिया था. अगले साल उसे भारतीय टीम में डेब्यू करने का मौका मिला. दिलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी में उसने शतक जमाया और फिर भारतीय टीम में अपनी जगह को बनाने में सफल रहा. 1989 में हम पाकिस्तान गए, सचिन भी हमारे साथ था, उसके बाद जो हुआ वह भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) का महान अध्याय साबित हुआ.