पर्थ टेस्ट : कब मिलेगी टीम इंडिया को एक मज़बूत ओपनिंग जोड़ी?

गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग टीम इंडिया के बेस्ट ओपनरों में गिने जाते हैं. टेस्ट या फिर वनडे दोनों फ़ॉर्मेट में गंभीर-सहवाग की जोड़ी का प्रदर्शन शानदार रहा है.

पर्थ टेस्ट : कब मिलेगी टीम इंडिया को एक मज़बूत ओपनिंग जोड़ी?

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ों ने ऑस्ट्रेलियाई पारी को 326 रन पर समेट दिया लेकिन जब बारी बल्लेबाज़ों की आई तो सबसे पहले टीम इंडिया के ओपनरों ने घुटने टेक दिए. सिर्फ़ 6 रन के स्कोर पर भारत का पहला विकेट मुरली विजय के रूप में गिरा. विजय यहां खाता भी नहीं खोल सके. स्कोरबोर्ड पर दो रन और जुड़े और केएल राहुल भी 2 रन के निजी स्कोर पर पैवेलियन लौटे. राहुल हेज़लवुड की शानदार गेंद पर आउट हुए लेकिन ये उनकी नाकामियों को नहीं छुपा सकता.

फ़्लॉप रही है विजय-राहुल की जोड़ी
इस साल टेस्ट में दोनों ने 8 बार पारी की शुरुआत की और सिर्फ़ 118 रन जोड़े. विजय और राहुल ने सर्वाधिक 63 रन एडिलेड में जोड़े हैं. इस जोड़ी में केएल राहुल को कई मौक़े मिले हैं लेकिन वो इसका फ़ायदा नहीं उठा सके हैं. राहुल अपने टेस्ट करियर में 42 फ़ीसदी बार बोल्ड या फिर एलबीडब्लू आउट हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया आने से पहले राहुल ने विदेशी ज़मीन पर इस साल 7 टेस्ट खेले औ सिर्फ़ एक बार पचास का आंकड़ा पार किया. वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में भी वो 0, 4 और नाबाद 33 रन बना सके.

विदेशी पिच पर विजय का रिकॉर्ड ख़राब
वहीं उनके जोड़ीदार मुरली विजय का देसी पिच पर भले ही रिकॉर्ड अच्छा रहा है लेकिन विदेशी पिच पर वो संघर्ष करते दिखे हैं. नवंबर 2016 से विजय ने 15 टेस्ट में 46.72 की औसत से 1168 रन बनाए हैं जिसमें 6 शतक और 3 अर्द्धशतक शामिल हैं. अगर विदेशों में खेले टेस्ट की बात करें तो 9 टेस्ट में विजय 11.71 की औसत से 164 रन ही बटोर सके हैं जिसमें एक भी अर्द्धशतक नहीं है. विजय के लिए दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड का दौरा बुरा रहा है. दोनों सीरीज़ में वो एक भी अर्द्धशतक नहीं बना सके. इंग्लैंड में उन्हें सीरीज़ के दो टेस्ट में 20, 0, 6 और 0 के स्कोर के बाद बीच सीरीज़ में टीम से बाहर कर दिया गया. हालांकि इंग्लिश काउंटी में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम में जगह मिली लेकिन वो चयन को सही नहीं साबित कर सके.

ओपनिंग की समस्या है बरकरार
वहीं शिखर धवन और केएल राहुल ने 2018 में 6 बार टेस्ट में भारतीय पारी की शुरुआत की है. दोनों इन पारियों में 168 रन ही जोड़ सके हैं. दोनों की जोड़ी ने दो बार अर्द्धशतकीय साझेदारी बनाई लेकिन इन सभी पारियों में जोड़ी 19 ओवर से ज़्यादा देर पिच पर नहीं टिकी. 2018 में धवन और मुरली विजय की जोड़ी कुछ हद तक टेस्ट में सफल ओपनिंग जोड़ी रही है. पांच बार पारी की शुरुआत करते हुए धवन और विजय ने 300 रन जोड़े हैं. इस जोड़ी ने बेंगलुरु टेस्ट में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ सर्वाधिक 168 रन जोड़े हैं. केएल राहुल और पृथ्वी शॉ की जोड़ी ने तीन टेस्ट में 3, 61 और नाबाद 75 रन जोड़े हैं. दोनों ने अक्टूबर में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ हुए दो टेस्ट में ये साझेदारी बनाई.

गंभीर-सहवाग हैं बेस्ट भारतीय ओपनर
गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग टीम इंडिया के बेस्ट ओपनरों में गिने जाते हैं. टेस्ट या फिर वनडे दोनों फ़ॉर्मेट में गंभीर-सहवाग की जोड़ी का प्रदर्शन शानदार रहा है. इन दोनों बल्लेबाज़ों के जाने के बाद से टीम इंडिया पारी की शुरुआत करने के लिए एक बेहतरीन ओपनर ढूढ़ने में नाकाम रही है. गंभीर-सहवाग का नाम दुनिया के टॉप पांच ओपनरों में शामिल है. दोनों ने 87 पारियों में 52.52 की औसत से 4412 रन जोड़े. इसमें 11 बार शतकीय साझेदारी हुई तो 25 बार अर्द्धशतकीय साझेदारी निभाई. 2013 में गंभीर-सहवाग ने आख़िरी बार टेस्ट में ओपनिंग की जिसके बाद से टीम इंडिया की बेस्ट ओपनिंग पेयर की तलाश अब भी जारी है.

ओपनिंग जोड़ी कौन?
शिखर धवन पहले ही ख़राब फ़ॉर्म की वजह से टेस्ट टीम से बाहर हैं. मुरली विजय 34 साल के हो चुके हैं और राहुल अभी 26 साल के हैं. ऐसे में विजय के करियर पर विराम लग सकता है लेकिन राहुल को आगे भी मौक़ा मिलने की उम्मीद है. 19 साल के पृथ्वी शॉ इन दोनों खिलाड़ियों को चुनौती देते नज़र आ रहे हैं. वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ राजकोट टेस्ट में शॉ 99 गेंद पर सेंचुरी बनाकर ओपनिंग में अपनी दावेदारी मज़बूती से पेश कर चुके हैं. पृथ्वी शॉ चोट से वापसी की तैयारी कर रहे हैं और पर्थ में उन्होंने दूसरे दिन नेट्स में अभ्यास भी किया. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग भी शॉ को मेलबर्न टेस्ट में विजय की जगह शॉ को शामिल करने की वकालत कर चुके हैं. ऐसे में संभव है कि टीम मैनेजमेंट शॉ को आज़माने से नहीं चूकेगी.


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