आईपीएल 8 : जीत की हैट्रिक पर होगी दिल्ली की नज़र

नई दिल्ली:

आईपीएल आठ में लगातार दो मैच जीतकर दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपना खोया हुआ आत्मविश्वास हासिल कर लिया है। अब इस टीम का अगला मुक़ाबला अपने घरेलू मैदान पर डिफ़ेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स से है।

पहले दो मैचों में दिल्ली को चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स से हार मिली, लेकिन बाद के दो मैचों में टीम ने वापसी करते हुए किंग्स इलेवन पंजाब और सनराइज़र्स हैदराबाद को हराया। ज़ाहिर है, कोच गैरी कर्स्टन और कप्तान जेपी ड्यूमिनी की नज़र जीत की हाट्रिक लगाने पर होगी।
 
दिल्ली का दम
 
सनराइज़र्स के ख़िलाफ़ कप्तान ड्यूमिनी ने गेंद और बल्ले दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया। कप्तान ड्यूमिनी ने 54 रन की पारी खेली, फिर 17 रन देकर 4 अहम विकेट झटके। वहीं टीम के खिलाड़ी मयंक अग्रवाल और श्रेयस अय्यर भी अच्छे फ़ॉर्म में है। मयंक ने 4 मैचों में 121 रन बनाए हैं तो श्रेयस ने इतने ही मैचों में 113 रन बटोरे हैं। 

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आईपीएल आठ में दिल्ली के लिए खेल रहे युवराज सिंह ने अब तक खेले 4 मैचों में 99 रन बनाए हैं। टीम को अब भी अपने 16 करोड़ी खिलाड़ी युवराज सिंह से ज़्यादा उम्मीद होगी।
 
कोटला में ख़राब रिकॉर्ड

 
टीम का मनोबल भले ही ऊंचा हो, लेकिन पिछले सीज़न में आख़िरी स्थान पर रही दिल्ली का होम-ग्राउंड पर रिकॉर्ड ख़राब ही रहा है। कोटला में दिल्ली ने आख़िरी जीत 21 अप्रैल 2013 को मुंबई के ख़िलाफ़ दर्ज की थी। इसके बाद के 8 मैचों में टीम को जीत नसीब नहीं हुई है। इस सीज़न भी दिल्ली को अपने पहले मैच में राजस्थान रॉयल्स ने कोटला में ही हराया है।
 
लय में नाइटराइडर्स की टीम
 
दूसरी तरफ़ कोलकाता की टीम जब भी मुश्किल में फंसी है, तो किसी एक खिलाड़ी ने आगे बढ़कर टीम की डूबती नैया को पार लगाया है। मुंबई के ख़िलाफ़ गौतम गंभीर ने टीम को मुश्किल से उबारा तो पंजाब के ख़िलाफ़ आंद्रे रसेल ने टीम को जीत दिलाने में अहम रोल निभाया।
 
केकेआर की गेंदबाज़ी में दम नहीं
 
कोलकाता की गेंदबाज़ी की बात करे तो टीम के स्टार स्पिनर सुनील नरेन एक्शन बदलने के बाद कुछ ख़ास नहीं कर सके है। नरेन ने 3 मैचों में 71 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट लिया हैं। शाक़िब उल हसन अपने वतन बांग्लादेश लौट चुके है। ऐसे में टीम के पास एक विकल्प की कमी हो गई है।
 
तेज़ गेंदबाज़ी में उमेश यादव और मॉर्नी मॉर्कल पंजाब के ख़िलाफ़ विकेट निकालने में सफल ज़रूर रहे लेकिन वो ज़्यादा असरदार नहीं दिखे हैं। ऐसे में कप्तान को आगे भी उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
 
दोनों टीमों के बीच अब तक 14 मैच हुए हैं जिसमें कोलकाता ने 7 मैचों में जीत हासिल की है, तो वहीं दिल्ली के खाते में 6 जीत और एक मैच बेनतीजा रहा है।