इंडीज ने भारत में अब आखिरी बार टेस्‍ट जीता था, उस समय पैदा भी नहीं हुए थे ऋषभ पंत और पृथ्‍वी शॉ

इंडीज ने भारत में अब आखिरी बार टेस्‍ट जीता था, उस समय पैदा भी नहीं हुए थे ऋषभ पंत और पृथ्‍वी शॉ

भारतीय टीम का घरेलू मैदान पर जीत का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • भारत में आखिरी बार 1994 में टेस्‍ट जीती थी इंडीज टीम
  • कप्‍तान विराट कोहली उस समय महज छह वर्ष के थे
  • इसके बाद इंडीज ने यहां 8 टेस्‍ट खेले, 6 में हारा, दो ड्रॉ रहे
नई दिल्ली:

विराट कोहली तब बल्ला थामना सीख रहे थे, ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ का जन्म भी नहीं हुआ था जबकि कुलदीप यादव ने उसी दिन दुनिया के दीदार किये थे जब वेस्टइंडीज ने भारतीय सरजमीं पर अपना आखिरी टेस्ट मैच जीता था. वेस्टइंडीज ने भारत में अपना आखिरी टेस्ट मैच 14 दिसंबर 1994 को मोहाली में जीता था. इसी दिन कानपुर में कुलदीप यादव का जन्म हुआ था. टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली उस समय केवल 6 साल के थे. इसके बाद से वेस्टइंडीज ने भारतीय धरती पर जो आठ टेस्ट मैच खेले उनमें से छह में उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि दो मैच ड्रॉ रहे हैं.

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इस लिहाज से इस टीम में कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसने कभी वेस्टइंडीज से हार झेली हो. पिछले करीब तीन दशकों में विदेशी टीमों को भी भारतीय सरजमीं पर जूझना पड़ा है और वेस्टइंडीज की टीम भी अपवाद नहीं है जिसके खिलाफ भारत को गुरुवार से राजकोट में दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच खेलना है. भारत ने इस बीच 2002 और 2011 में तीन-तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 के समान अंतर से जीत दर्ज की जबकि 2013 में सचिन तेंदुलकर की विदाई सीरीज में उसने 2-0 के अंतर से क्लीन स्वीप किया. सिर्फ वेस्टइंडीज ही नहीं अन्य टीमों के लिए भी पिछले दो दशक से अधिक समय में भारत में जीत दर्ज करना मुश्किल रहा है. पिछले 18 वर्षों (एक जनवरी 2001 से) में भारत ने अपनी सरजमीं पर जो 86 मैच खेले हैं उनमें से 50 में उसे जीत मिली. इस बीच उसने केवल दस मैच गंवाये और बाकी 26 मैच ड्रॉ रहे.


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भारतीय टीम भले ही विदेशों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पा रही है लेकिन घरेलू पिचों पर उसका कोई सानी नहीं है. पिछले आठ वर्षों (एक जनवरी 2011 से) में केवल इंग्लैंड (दो मैच) और ऑस्ट्रेलिया (एक मैच) ही भारत में जीत दर्ज कर पाये हैं. इस बीच इंग्लैंड ने नौ मैचों में से पांच और आस्ट्रेलिया ने आठ मैचों में से छह में हार भी झेली है. भारत ने पिछले आठ वर्षों में अपनी धरती पर जो 36 टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से 26 में उसे जीत मिली है और तीन में हार जबकि बाकी सात मैच ड्रॉ समाप्त हुए. वेस्टइंडीज के कोच स्टुअर्ट लॉ भारत में मिलने वाली कठिन चुनौती से अच्छी तरह वाकिफ हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि लगातार सुधार कर रही उनकी टीम कुछ अप्रत्याशित परिणाम हासिल करने में सफल रहेगी. लॉ ने राजकोट में कहा, ‘भारतीय टीम रैंकिंग में शीर्ष पर है, हम आठवें स्थान पर हैं. हम उनके घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं, यह काफी बड़ी चुनौती है. भारतीय दौरे पर आने वाली अधिकतर टीमों को सफलता नहीं मिली है. हम इन तमाम चुनौतियों को समझते हैं लेकिन दूसरी तरफ हमारी टीम में सुधार हो रहा है.

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वेस्टइंडीज को पिछले 24 वर्षों में भारतीय मैदानों पर पहली जीत की दरकार है लेकिन दो टीमें ऐसी भी हैं जिन्होंने तीन दशक से यहां एक भी टेस्ट नहीं जीता है. श्रीलंका ने 1982 में भारत में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और तब से लेकर उसका भारत में पहली जीत का इंतजार बना हुआ है. इसी तरह न्यूजीलैंड की टीम ने भारत में अंतिम जीत नवंबर 1988 में दर्ज की थी. इसके बाद खेले गये 17 मैचों में से 9 में उसे हार मिली है.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)