इस तरह एक सफल कप्तान के साथ शानदार फिनिशर बनते चले गए महेंद्र सिंह धोनी

इस तरह एक सफल कप्तान के साथ शानदार फिनिशर बनते चले गए महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

यह 2004 की बात है तब टीम इंडिया के कप्तान सौरभ गांगुली थे और गांगुली के साथ सबसे खास बात यह थी कि वे हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देते थे. इसी तरह  23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में सौरभ गांगुली ने महेंद्र सिंह धोनी को टीम में मौका दिया. धोनी घरेलू क्रिकेट में एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में नाम कमा चुके थे. सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, अपने लंबे बालों की वजह से भी धोनी काफी चर्चा में थे. वे इस मैच में खाता खोलने से पहले रन आउट हो गए थे.

अपने पहले मैच में जीरो पर आउट हुए थे धोनी
अपने पहले मैच में जीरो पर आउट होने के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी दवाब में नहीं दिख रहे थे. धोनी के हावभाव से पता चल गया था कि वे कितने कूल खिलाड़ी हैं. इसके बाद अगले तीन मैचों तक धोनी कुछ खास नहीं कर पाए. 5 अप्रैल 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में कप्तान सौरभ गांगुली ने धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा. इस मौके का फायदा उठाते हुए धोनी ने 148 रन की एक शानदार पारी खेली. भारत ने इस मैच को जीता और धोनी ने 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड जीता.

धोनी की कप्तानी में भारत का शानदार प्रदर्शन
सिंतबर 2007 महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के कप्तान बने. सात मैचों की एक दिवसीय सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था. धोनी की कप्तानी में भारत यह सीरीज 4-2 से हार गया था.. फिर 2007 में पाकिस्तान ने पांच मैचों की एक दिवसीय सीरीज खेलने के लिए भारत का दौरा किया और धोनी की कप्तानी में भारत ने यह सीरीज 3-2 से जीती. धोनी की कप्तानी की सबसे ज्यादा तारीफ तब हुई थी जब ऑस्ट्रेलिया में खेले गए ट्राई-सीरीज के फाइनल में भारत ऑस्ट्रेलिया को 9 रन से हराकर चैंपियन बना.

अगस्त 2008 से लेकर सितम्बर 2009 के बीच धोनी ने लगातार छह सीरीज जीतकर सबको हैरान कर दिया था. अगस्त के महीने में श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज भारत ने 3-2 से जीत ली थी. फिर धोनी की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को 5-0 से हराया था. इस तरह फिर श्रीलंका,न्यूज़ीलैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने एक दिवसीय सीरीज जीतीं. सिंतबर 2009 में श्रीलंका में खेली गई ट्राई-सीरीज में भारत ने फाइनल मैच में श्रीलंका को हराया और चैंपियन बना.

धोनी की कप्तानी में भारत ने जीता वर्ल्ड कप
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने 2011 में वर्ल्ड जीतने में कामयाबी पाई. 28 साल बाद भारत ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. मुम्बई में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच को भारत ने छह विकेट से जीत लिया था. सबसे बड़ी बात यह थी कि महेंद्र सिंह धोनी ने फाइनल मैच में शानदार खेलते हुए सिर्फ 79 गेंदों का सामना करते हुए 91 रन बनाए थे. इस शानदार पारी के लिए धोनी को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड भी मिला था.

धोनी की कप्तानी में भारत शानदार प्रदर्शन करता गया. जनवरी 2013 से लेकर नवंबर 2013 के बीच धोनी के नेतृत्व में भारत ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया था. धोनी की कप्तानी में भारत लगातार छह सीरीज जीतने में कामयाब हुया था. इंग्लैंड को 3-2 से हराया.  इंग्लैंड में खेली गई आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी को अपने नाम किया. वेस्टइंडीज में खेली गई ट्राई-सीरीज को भारत ने अपने नाम किया था फिर ज़िम्बाब्वे,ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज भारत के दौरे किए थे और तीनों सीरीज में भारत विजयी हुआ था. फिर जून और नवंबर 2014 के बीच धोनी की कप्तानी में भारत ने लगातार चार एक दिवसीय सीरीज जीतीं. धोनी की कप्तानी में भारत ने आखिरी दो एक दिवसीय सीरीज भी जीती हैं. धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं.  महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत 199 एक दिवसीय मैच खेला जिसमें भारत को 110 मैचों में जीत मिली और 74 मैच हारा.  

भारत टी 20 वर्ल्ड कप जीता
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने टी 20 मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया. धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तान हैं. धोनी की कप्तानी में भारत 2007 टी 20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब हुआ था. धोनी ने 71 मैचों में कप्तानी की जिसमें से 41 मैच भारत जीता और 28 मैच हारा. धोनी भारत के इकलौते खिलाड़ी  हैं जिनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी वर्ल्ड कप, टी 20 वर्ल्ड कप और चैंपियन ट्रॉफी अपने नाम की.

फिनिशर के रूप में धोनी ने किया कमाल
4 सितम्बर 2005 को ज़िम्बाव्बे के खिलाफ वनडे मैच में धोनी ने फिनिशर के रूप में अपना असली रूप दिखाया. 251 रन के विजय लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने जब सिर्फ 91 रन पर पांच विकेट गवां दिए थे, तब धोनी बल्लेबाजी करने आए. धोनी जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत को मैच जीतने के लिए 154 गेंदों में 160 रन की ज़रूरत थी. धोनी और युवराज के बीच अच्छी साझेदारी हुई. आखिरी दस ओवरों में भारत को जीतने के लिए 68 रन की जरूरत थी. धोनी ने छक्का लगाते हुए भारत को जीत दिलवायी थी. 11 गेंद शेष रहते भारत ने यह मैच जीत लिया और धोनी 67 रन पर नाबाद थे.

श्रीलंका के खिलाफ कायम किया वर्ल्ड रिकॉर्ड
31 अक्टूबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में धोनी ने तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार 183 रन की नाबाद पारी खेली. धोनी ने भारत को छह विकेट से जीत दिलाई और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी कायम किया. धोनी का 183 रन का विकेटकीपर के रूप में वनडे मैचों में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है. इस मैच में धोनी ने दिलशान की गेंद पर छक्का लगाते हुए टीम को जीत दिलाई थी.

पाकिस्तान में धोनी का शानदार प्रदर्शन
साल 2006 में भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया. 13 फरवरी को लाहौर में खेले गए मैच में धोनी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत दिलाई. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 288 रन बनाए. धोनी जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत को 15.2 ओवरों में 99 रन की जरूरत थी. धोनी ने तबाड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 46 गेंदों का सामना करते हुए 72 रन बनाए और चौका लगाते हुए भारत को जीत दिलाई. फिर इस सीरीज के पांचवे वनडे मैच में भी धोनी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए एक फिनिशर के रूप में फिर अपना करिश्मा दिखाया. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 286 रन बनाए थे. चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए धोनी सिर्फ 56 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद रहते हुए 77 रन बनाए और भारत को जीत दिलाई.

छक्का लगाकर भारत को दिलाया वर्ल्ड कप
2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल में धोनी ने शानदार बल्लेबाजी की. भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता. फिनिशर के रूप में धोनी की इस पारी को हमेशा याद किया जाएगा. इस फाइनल मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 275 रन का विजय लक्ष्य रखा था. 31 रन पर जब भारत ने दो विकेट गंवा दिए थे, तब धोनी खुद बल्लेबाजी करने आए और शानदार खेलते हुए भारत को जीत दिलाई. सबसे बड़ी बात यह थी कि धोनी ने छक्का लगाते हुए भारत को जीत दिलाई थी. धोनी ने इस मैच में 79 गेंदों का सामना करते हुए 91 रन बनाए थे.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com