वकार यूनुस ने कहा, 1992 की तरह ही बढ़ रहा है पाकिस्तान टीम का विश्वास

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

ऑकलैंड की पिच पर पाकिस्तान ने दक्षिण अफ़्रीका को डकवर्थ लुइस नियम के सहारे 29 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टूर्नामेंट में तीन जीत से पाकिस्तान ने 6 प्वाइंट हासिल कर लिए और क्वार्टरफ़ाइनल की रेस में खुद को मज़बूत दावेदार की तरह पेश कर दिया। पाकिस्तान टीम की इस जीत ने चैम्पियन बनी 1992 की टीम की याद ताज़ा कर दी।

1992 के वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान की शुरुआत ख़राब रही थी। तब पहले ही मैच में वेस्ट इंडीज़ ने पाकिस्तान को हरा दिया था। पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज में 8 में से 4 मैच जीतकर लीग में चौथे नंबर पर रही थी, लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को सेमीफ़ाइनल में और इंग्लैंड को फ़ाइनल में हराकर जो इतिहास कायम किया उससे सब वाकिफ़ हैं।

इस बार भी 2015 वर्ल्ड कप के अपने पहले दो मैचों में भारत और विंडीज़ टीम से हारने के बाद पाकिस्तान ने ज़िंबाब्वे, यूएई और दक्षिण अफ़्रीका को हराकर ज़बरदस्त वापसी की है। इस टीम की जमकर आलोचना हो रही थी। लेकिन अचानक ये टीम ख़तरनाक नज़र आ रही है।

कोच वकार यूनुस का भी हौसला बुलंद हुआ है। वह कहते हैं, 'उम्मीद करता हूं कि यह 1992 की तरह साबित हो क्योंकि तब भी हमने ऑस्ट्रेलिया-न्यूज़ीलैंड में ही वर्ल्ड कप जीता था। मुझे उम्मीद है कि वही भरोसा ड्रेसिंग रूम में लौटने लगा है।'

दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पाकिस्तान के तीनों बाएं हाथ के गेंदबाज़ छाये रहे। राहत अली (3/40), वहाब रियाज़ (3/45) और मोहम्मद इरफ़ान (3/52) ने कुल मिलाकर 9 विकेट अपने नाम कर लिए, जबकि दांये हाथ के मध्यम तेज़ गेंदबाज़ सोहेल ख़ान ने बेशकीमती एबी डिविलियर्स का विक्ट लेकर प्रोटियाज़
की कमर की कमर तोड़ दी।

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पाकिस्तान की इस बड़ी जीत से कोच वकार यूनुस बेहद खुश हैं और कहते हैं कि उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ आक्रामक क्रिकेट खेली जिसके लिए पाकिस्तान टीम जानी जाती है। उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान का फ़ॉर्म आगे भी बरक़रार रहेगा। अगर ऐसा होता है तो यह टीम 1992 का कारनामा दुहराने का माद्दा रखती है।