किस बॉलर का सामना करना मुश्‍किल लगता था, युवराज सिंह ने दिया यह जवाब...

यादगार पारी के बारे में पूछने पर युवराज ने बेंगलुरू में वर्ष 2007 में खेली गई 169 रन की पारी का उल्‍लेख किया. इस पारी के दौरान जब वे बैटिंग के लिए क्रीज पर पहुंचे थे तब टीम 61 रन पर चार विकेट गंवाते हुए संघर्ष कर रही थी.

किस बॉलर का सामना करना मुश्‍किल लगता था, युवराज सिंह ने दिया यह जवाब...

टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर मे छह छक्‍के लगाने का रिकॉर्ड युवराज के नाम पर दर्ज है

खास बातें

  • कहा, मुरलीधरन की बॉलिंग समझ नहीं पाता था
  • मैक्‍ग्राथ की बाहर निकलती गेंदों ने भी किया परेशान
  • सचिन ने मुरली का सामना करने के लिए दी थी सलाह

Yuvraj Singh: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की गिनती शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट में दुनिया के धाकड़ बल्‍लेबाजों में की जाती थी. विपक्षी खिलाड़ी उनके खिलाफ गेंदबाजी करते हुए खौफ खाते थे. बाएं हाथ के धाकड़ बल्‍लेबाज युवराज की गेंद को हिट करने की क्षमता जबर्दस्‍त थी और अपनी बेहतरीन टाइमिंग के कारण वे गेंदों को आसानी से चौके-छक्‍के के लिए बाउंड्री के बाहर पहुंचा देते थे. टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर मे छह छक्‍के लगाने का बेहतरीन रिकॉर्ड युवी के नाम पर ही दर्ज है, उन्‍होंने वर्ष 2007 के टी20 वर्ल्‍डकप में इंग्‍लैंड के स्‍टुऑर्ट ब्रॉड के खिलाफ यह ऐतिहासिक कारनामा किया था. अपने करियर के शीर्ष समय में विपक्षी गेंदबाजों के लिए युवराज 'काल' साबित होते थे, हालांकि इस समय भी वे एक गेंदबाज का सामना करते हुए असहज रहते थे. यह गेंदबाज हैं, श्रीलंका के दिग्‍गज ऑफ स्‍पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan). युवराज ने एक इंटरव्‍यू में माना है कि मुरली की गेंदबाजी का वे बिल्‍कुल अंदाजा नहीं लगा पाते और हमेशा उनके खिलाफ संघर्ष करते थे.

चंडीगढ़ के युवराज सिंह ने स्‍पोर्ट्स स्‍टार को दिए इंटरव्‍यू में कहा, 'वास्‍तव में मैं मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) का सामना करते हुए संघर्ष करता था. उनकी गेंदबाजी को भांप नहीं पाता था. इसके अलावा ऑस्‍ट्रेलिया के ग्‍लेन मैक्‍ग्राथ ( Glenn McGrath) ने भी मुझे विकेट से बाहर निकलती हुई गेंदों से परेशान किया. मैंने टेस्‍ट क्रिकेट में मैक्‍ग्राथ का ज्‍यादा सामना नहीं किया, मैं बेंच पर बैठकर सीनियर प्‍लेयर्स की हौसला बढ़ाया करता था.' मुरलीधरन की गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए युवी ने बताया, 'सचिन (तेंदुलकर) ने भी मुरली के खिलाफ स्‍वीप शॉट खेलने की सलाह दी, इससे मैं काफी सहज हो गया.' 

यादगार पारी के बारे में पूछने पर युवराज ने बेंगलुरू में वर्ष 2007 में खेली गई 169 रन की पारी का उल्‍लेख किया. इस पारी के दौरान जब वे बैटिंग के लिए क्रीज पर पहुंचे थे तब टीम 61 रन पर चार विकेट गंवाते हुए संघर्ष कर रही थी. वर्ल्‍डकप 2011 के क्‍वार्टर फाइनल में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 57 रन की पारी को भी युवराज ने खास माना. टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर में छह छक्‍के जमाने को भी उन्‍होंने यादगार लम्‍हा करार दिया. उन्‍होंने कहा, 'इस मैच के आखिरी तीन ओवरों में, मैं हर गेंद पर बल्‍ला चला रहा था. ब्रॉड के ओवर की आखिरी गेंद मैं सोच रहा था कि यॉर्कर होगी. वह दबाव में था और मैं तैयार. मैं इसे सामने की ओर मारा.'युवराज ने क्रिकेट में भरपूर समर्थन देने के लिए पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भी धन्‍यवाद दिया. उन्‍होंने कहा, मैं सौरव की कप्‍तानी में काफी मैच खेले और उनका भरपूर समर्थन मिला. युवराज ने गांगुली के अलावा राहुल द्रविड़, एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्‍तानी में भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेला.इस दौरान युवराज ने कहा, एमएस धोनी और विराट कोहली से उन्‍हें उस तरह का समर्थन नहीं मिला जैसा सौरव गांगुली के कप्‍तान रहते हुए मिला था.

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