
प्रतीकात्मक फोटो
खास बातें
- रेप की कोशिश के मामले में दोषी को सुनाई गई फांसी की सजा
- दोषी ने पीड़ित लड़की की हत्या भी कर दी थी
- कोर्ट ने इसे जघन्यतम अपराध की श्रेणी में रखा है
हमारे देश में लोग सालों तक फैसले का इंतजार करते रहते हैं. यहां तक कि रेप जैसे जघन्य अपराध के मामले में भी फैसला आने में सालों बीत जाते हैं. इस दौरान कई गवाह अपने बयान से पलट जाते हैं या उनका निधन हो जाता है. वहीं, पीड़ित के दिल पर क्या गुजरती है इसका बस अंदाजा भर लगाया जा सकता है. लेकिन कर्नाटक की एक कोर्ट ने 22 दिनों के अंदर रेप की कोशश के मामले में सजा सुनाकर मिसाल पेश की है. जी हां, कोर्ट ने 15 साल की बच्ची से रेप की कोशिश करने के दोषी एक कुली को मौत की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि जजमेंट की कॉपी 15 सितंबर को ecourts.gov.in पर अपलोड की गई है और इसकी एक कॉपी हमारे पास भी है.
इस मामले में फैसला सुनाते हुए जज बीएस रेखा ने कहा, 'मेरे विचार में अभियोजन पक्ष और जांच अधिकारियों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है. इस मामले में यह साबित होता है कि रेप की कोशिश पूरी तरह से पूर्व नियोजित और सोच-समझकर की गई थी. यह जघन्यतम अपराध है और कोर्ट इसे बेहद गंभीरता से लेता है ताकि दूसरा कोई इस तरह का काम करने से पहले जरूर सोचे.'
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इसी के साथ कोर्ट ने कहा, 'आरोपी को फांसी से कम की सजा देने का सवाल ही नहीं उठता है. आरोपी न तो मानसिक रूप से बीमार है और न ही उसे ऐसी कोई परेशानी थी जिसने उसे इस जघन्य अपराध को करने के लिए प्रेरित किया हो. आरोपी का कोई आपराधिक बैकग्राउंड भी नहीं है और इसके बावजूद उसने ऐसा जघन्य अपराध किया. और अगर उसे कठोर सजा नहीं दी गई तो समाज खतरे में आ जाएगा. इसलिए मेरे विचार में कम सजा तो दी ही नहीं जा सकती. मेरे विचार में इस तरह के अपराध के लिए सजा-ए-मौत ही एकमात्र सजा है.'
जज ने फैसला सुनाते वक्त निर्भया केस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह मामला किसी भी तरह से निर्भया केस से कम अमानवीय नहीं है. उन्होंने कहा, 'पीड़ित 10वीं की छात्रा थी और सुनहरा भविष्य उसका इंतजार कर रहा था. लेकिन सेक्स की खातिर दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी गई.'
जज ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले में आरोपी को कठोर सजा देनी ही होगी ताकि भविष्य में इस तरह के अपराध को अंजाम देने वालों का बचाव न हो सके. उन्होंने कहा, 'अगर आरोपी को कम सजा दी गई तो दूसरों को सबक नहीं मिलेगा. इस मामले में लड़की निर्दोष थी और असहाय थी. वह जिंदगी के लिए लड़ती रही, लेकिन उसकी जिंदगी आरोपी के हाथों आधे घंटे के भीतर खत्म हो गई. अगर सही सजा नहीं दी गई तो लोगों की जिंदगी खतरे में आए जाएगी.'
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गौरतलब है कि दोषी टीएन सुरेश ने पीड़ित के घर के पास उससे छेड़छाड़ की थी. तब लड़की के पिता ने उसे खूब सुनाया था. इस बात से नाराज टीएन सुरेश ने लड़की का रेप कर उसकी हत्या की साजिश रच डाली. इस साजिश के तहत 1 अगस्त को जब पीड़ित लड़की इंटर स्कूल स्पोर्ट्स से अपनी सहेली के साथ लौट रही थी तो दोषी ने उसे पीछे से पकड़ लिया. जब लड़की ने चिल्लाने की कोशिश की तो उसने उसका मुंह पकड़ लिया. लड़की की दोस्त घबराकर वहां से भाग गई. पीड़ित लड़की भागने की कोशिश कर रही थी तो दोषी ने उसका पीछा किया और जबरदस्ती उसे खींचकर ले गया.
रेप की कोशिश के दौरान लड़की के विरोध करने पर उसने उसकी बाईं आंख में मुक्का मार दिया. यही नहीं उसने लड़की के सिर पर पत्थर से कई वार किए. इस हमले में लड़की को गंभीर चोटें आईं और उसकी मौत हो गई. इतना ही नहीं दोषी पीड़ित लड़की को खींचकर झाड़ियों में ले गया और उसके कपड़े उतारकर रेप की कोशिश कर रहा था. तभी किसी को आता देख वो वहां से भाग खड़ा हुआ.
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