
गुरुग्राम पुलिस की गिरफ्त में युवक को रेप के झूठे मामले में फंसाने वाली युवती और उसके साथी.
खास बातें
- युवक और उसके साथी ने सबूत जुटाए और पुलिस थाने पहुंच गए
- पुलिस ने आरोपी युवती और उसके साथियों को रंगे हाथ पकड़ा
- गुरुग्राम के डीएलएफ फेस तीन का मामला
गुरुग्राम के थाना डीएलएफ फेस-3 में 14 अक्टूबर को दिल्ली के रहने वाले एक युवक ने एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि वह दिल्ली में एक कम्पनी मे काम करता है. उसके साथ चीफ एकाउंटेंट के पद पर काम करने वाले उसके दोस्त को गुरुग्राम के यू-ब्लॉक में रहने वाली एक लड़की ने अपने चंगुल में फंसा लिया है. लड़की ने तीन अक्टूबर को उसे अपने कमरे पर बुलाया और चार अक्टूबर को उस लड़की ने उसके दोस्त के खिलाफ थाना डीएलएफ फेस-3 में बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवा दिया. जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो पांच अक्टूबर को वे दोनों उस लड़की से मिलने के लिए डीएलएफ फेस-3 गए.
उस लड़की ने युवकों से कहा कि वह 164 सीआरपीसी के बयान दर्ज कराने जाएगी. यदि इस मुकदमे से बचना है तो रुपयों का इंतजाम कर लो और कल आकर अंसल प्लाजा सेक्टर-23 में मिलो, वह अभी अपना बयान रुकवा देगी. उस दिन उस लड़की ने अदालत में जाकर अपना बयान देने से मना कर दिया. छह अक्टूबर को वे दोनों उस लड़की के बताए गए समय और जगह पर पहुंचे. उस लड़की से बातचीत की तो उसने उनसे एक करोड़ रुपये की मांग की. इस बातचीत की उन्होंने वाइस रिकॉर्डिग कर ली.
दो दिन बाद पीड़ित युवक के मोबाइल फोन पर एक युवक का कॉल आया. उसने अपना परिचय उस लड़की के वकील के रूप में दिया. उसने कहा कि वह बलात्कार के मुकदमे में राजीनामा करवा देगा और उसकी इज्जत बच जाएगी. इसके बाद उस वकील से उनकी लगातार बात होने लगी. वे वकील से मिले तो उसने उनसे 17 लाख रुपये की मांग की. युवकों ने उसकी भी रिकॉर्डिंग कर ली. अगले दिन तक युवक ने जवाब नहीं दिया तो वकील ने उसे फोन करके 12 लाख रुपये में बात तय की है.
इस शिकायत पर गुरुग्राम पुलिस ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह एक लाख रुपये की नगदी व 10 लाख रुपये का चैक देने के लिए उन्हें अंसल प्लाजा सेक्टर-23 में बुलाए. उससे पहले पुलिस थाना प्रबंधक ने वकील को दिए जाने वाले रुपयों पर अपने छोटे हस्ताक्षर किए और चैक के नंबर नोट कर लिए. गुरुग्राम की पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता को बताए गए स्थान पर नजर रखनी शुरू कर दी.
दोनों युवक लड़की से बातचीत करते रहे. कुछ देर बाद आरोपी युवती धारा 164 सीआरपीसी के बयान देने कोर्ट में चली गई. जिस महिला पुलिस अधिकारी द्वारा आरोपी युवती के बयान दर्ज कराने थे उस अधिकारी से पुलिस टीम ने फोन पर आरोपी युवती के बारे में पता किया तो उसने बताया कि वह 164 सीआरपीसी के बयान के लिए कोर्ट में पहुंच गई है. कुछ देर बाद फिर से इस बारे में पता किया गया तो महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह युवती बयान दे चुकी है.
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युवती ने कोर्ट में बयान देने की बात अपने साथियों को बता दी तो शिकायतकर्ता ने एक लाख रुपये नगद व 10 लाख रुपयों का चैक युवती के साथियों को दे दिए. इसी दौरान पुलिस टीम ने वहां से दो महिलाओं व एक युवक को रंगेहाथ दबोच लिया. आरोपियों को आज अदालत में पेश किया गया. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
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