
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र राजीव जन्म से नहीं देख सकते हैं. आजकल थोड़े परेशान हैं, क्योंकि वह 2000 और 500 रुपये के नए नोटों को आसानी से नहीं पहचान पा रहे हैं. सरकार का दावा है कि नए नोटों में नेत्रहीनों की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं.
500 के नोट के किनारे कुछ उभरी हुई 5 लकीरें दी गई हैं, जबकि 2000 के नोट के किनारे उभरी हुई 7 लकीरें हैं. लेकिन हकीकत में नेत्रहीन आसानी से इन नए नोटों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि इन नोटों में लकीरों का जो उभार है, वह बेहद हल्का है. इन उभारों को महसूस करने में नेत्रहीनों को समस्या आ रही है.
राजीव का दावा है कि ब्रेल में अक्षरों का उभार ज्यादा होता है, जिससे वो अक्षर समझ जाते हैं, लेकिन नए नोटों में ये उभार काफी कम हैं. उनका कहना है कि नए नोटों की लकीरों के उभार को ब्रेल के उभारों के साथ तालमेल करके छापा जाना चाहिए था.