
प्रतीकात्मक फोटो.
खास बातें
- गेहूं/चावल/आटा आदि के पैकेट लोगों के घर पर पहुंचाए जाएंगे
- राशन की डिलीवरी के लिए एक प्राइवेट कंपनी हायर की जाएगी
- मनीष सिसोदिया ने एलजी अनिल बैजल से मंजूरी देने की अपील की
दिल्ली के गरीब लोगों को जल्द ही सरकारी राशन के लिए सरकारी राशन की दुकान (उचित मूल्य दुकान) जाने की जरूरत नही पड़ेगी, अगर दिल्ली के उप राज्यपाल दिल्ली की केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दें. केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने आज राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यह योजना अगर लागू हुई तो राशन लेने वालों को राशन लेने के लिए दुकान नहीं जाना होगा बल्कि गेहूं/चावल/आटा आदि के पैकेट लोगों के घर पर पहुंचाए जाएंगे.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 'इस व्यवस्था के तहत गेहूं, आटा और चावल पैकेट में बंद करके घर पहुंचेगा. मिलावट का चक्कर खत्म होगा. दुकान खुलने या न खुलने का चक्कर खत्म होगा. राशन की डिलीवरी कब करनी है इसके लिए डिलीवरी वाला फ़ोन करके पूछेगा. इससे काफी राहत मिलेगी.' सिसोदिया ने बताया कि राशन की डिलीवरी के लिए एक प्राइवेट कंपनी हायर की जाएगी. वही पैकेजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करेगी.
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हालांकि सिसोदिया ने बताया कि काफी मुश्किल से यह फैसला हो पाया और आगे भी मुश्किल हो सकती है. सिसोदिया ने कहा कि 'काफी जद्दोजहद के बाद हो सका है. कई सवाल अब भी उठाए गए हैं. एलजी के पास अप्रूवल के लिए जाएगा. तो एलजी साहब से अपील करूंगा कि अफसरों के कमेंट को बाधा ना बनने दें. यह गरीबों की रोटी का सवाल है.'
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आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से राशन का मुद्दा सरकार और अफसरों के बीच लड़ाई का कारण बना हुआ था. यहां तक कि केजरीवाल सरकार का दावा है कि 19 फरवरी की रात को मुख्य सचिव जिस बैठक में मारपीट का आरोप लगा रहे हैं वह राशन के मुद्दे पर बुलाई गई थी. केजरीवाल सरकार लगातार मुख्य सचिव पर आरोप भी लगा रही थी कि मुख्य सचिव और बड़े अफसर नहीं चाहते कि राशन माफिया का अंत हो इसलिए वे उनसे मिलकर राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के प्रस्ताव में अड़ंगे लगा रहे हैं.