
दिल्ली के सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया. (फाइल फोटो)
खास बातें
- दिल्ली सरकार का ये चुनावी वादा रहा है
- सरकार ने विधानसभा से बिल पास कराया
- बिल को राज्यपाल के पास भेजा था.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का गेस्ट टीचर की नौकरी पक्की करने वाला बिल खारिज कर दिया है. दिल्ली के शिक्षा विभाग ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि एलजी ने आदेश देकर कहा है कि 'मैं गेस्ट टीचर के नियमितीकरण और सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े टीचर के नियमितीकरण के बिल को अपनी मंज़ूरी रोकता हूं'. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अक्टूबर 2017 में इस बिल को विधानसभा से पास करके भेजा था.
शिक्षा विभाग की तरफ़ से बताया गया है कि इन गेस्ट टीचर के चयन में कोई तय प्रक्रिया नहीं अपनायी गई जिससे बहुत सारे लोगों को किसी प्रतियोगी परीक्षा के ज़रिए ये नौकरी पाने का मौका नहीं मिला.
यही नहीं गेस्ट टीचर को किसी पक्की नौकरी के चयन प्रक्रिया में किसी तरह के तवज्जो या एक्स्ट्रा देने से भी शिक्षा विभाग ने ये कहते हुए इनकार कर दिया है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि किसी खुले चयन में गेस्ट टीचर को तवज्जो देने से संविधान के दिये बराबरी के अधिकार का उल्लंघन होगा इसलिए इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. हालांकि सालों से सरकार में सेवा दे रहे लोगों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी सकती है.
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दिल्ली के अंदर करीब 17 हज़ार गेस्ट टीचर हैं जिनकी नौकरी पक्की करने का वादा आम आदमी पार्टी ने चुनाव में किया था. इसलिए अब अपनी सरकार के शिक्षा विभाग के ख़िलाफ़ खुद डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने की कोशिश करेंगे.
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हालांकि गेस्ट टीचर को पक्का करने का दिल्ली सरकार का फैसला शुरू से विवाद में रहा है. दिल्ली सरकार ने सितंबर 2017 में अचानक कैबिनेट में गेस्ट टीचर को पक्का करने वाला बिल पास कर दिया. सवाल उठा कि इस बिल को कैबिनेट में लाने से पहले सरकार ने कानून, वित्त, सेवाएं, जैसे विभागों के साथ क्या उप-राज्यपाल से इसकी मंज़ूरी ली? तो उस समय डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने कानून के तहत मिली विशेष ताक़त के तहत इस बिल को सीधा कैबिनेट में रखने की अनुमति दी थी जिसको कैबिनेट ने पास कर दिया.