जामिया मिल्लिया इस्लामिया और इंडियन कोस्ट गार्ड ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया.
नई दिल्ली:
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और इंडियन कोस्ट गार्ड ने आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते के बाद जल्द ही इंडियन कोस्ट गार्ड्स डिस्टेंस लर्निंग मोड से जामिया से कर शिक्षा हासिल कर सकेंगे. आज जामिया की तरफ से कुलपति प्रो. तलत अहमद, प्रो वाइस चांसलर प्रो. शाहिद अशरफ, ए. पी. सिद्दीकी( IPS), रजिस्ट्रार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया व अन अध्यापकों और इंडियन कोस्ट गार्ड की तरफ से प्रिंसिपल डायरेक्टर गुरूपदेश देश सिंह व दूसरे अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. जल, थल और वायु सेना के साथ जामिया पहले ही एमओयू एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुका है. तीनों सेनाओं के निचले स्तर के कर्मचारी व अधिकारी जामिया से डिस्टेंस मोड में पढ़ाई कर रहे हैं ताकि शॉर्ट सर्विस के बाद ये जवान दूसरी नौकरियां आसानी से हासिल कर सकें. जामिया से पढ़ाई कर रहे जवानों की संख्या हजारों में है. कई हजार डिफेंस पर्सनल अब तक डिग्री भी हासिल कर चुके हैं. इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ एमओयू साइन होने के बाद जामिया पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने तीनों सेनाओं और इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है.
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इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए जामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा, "यह जामिया के लिए बहुत गर्व की बात है कि वह राष्ट्र निर्माण में इतना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. आजादी की लड़ाई में जामिया का बहुत अहम योगदान रहा है और अब डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया उन जवानों को पे-बैक करने की कोशिश कर रही है जो देश की रक्षा करते हैं." प्रोफेसर तलत अहमद ने यह भी कहा कि विश्विद्यालय का मकसद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को शिक्षा देना है और डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया अपने फ़र्ज़ को बखूबी अंजाम दे रही है.
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गुरूपदेश सिंह, प्रिंसिपल डायरेक्टर, इंडियन कोस्ट गार्ड ने कहा, " कम उम्र में जवान डिफेंस फ़ोर्स जॉइन करता है और इस वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता. इस समझौते की वजह से वो नौकरी के साथ पढ़ाई कर पायेगा और नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उसके पास दूसरी नौकरी करने का ऑप्शन रहेगा."जामिया के अर्जुन सिंह डिस्टेंस लर्निंग सेंटर से तीनों सेनाओं के जवान और अधिकारी पढ़ाई कर रहे हैं. इंडियन कोस्ट गार्ड्स भी अगले सत्र से जामिया से पढ़ाई कर पाएंगे.
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इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए जामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा, "यह जामिया के लिए बहुत गर्व की बात है कि वह राष्ट्र निर्माण में इतना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. आजादी की लड़ाई में जामिया का बहुत अहम योगदान रहा है और अब डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया उन जवानों को पे-बैक करने की कोशिश कर रही है जो देश की रक्षा करते हैं." प्रोफेसर तलत अहमद ने यह भी कहा कि विश्विद्यालय का मकसद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को शिक्षा देना है और डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया अपने फ़र्ज़ को बखूबी अंजाम दे रही है.
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गुरूपदेश सिंह, प्रिंसिपल डायरेक्टर, इंडियन कोस्ट गार्ड ने कहा, " कम उम्र में जवान डिफेंस फ़ोर्स जॉइन करता है और इस वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता. इस समझौते की वजह से वो नौकरी के साथ पढ़ाई कर पायेगा और नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उसके पास दूसरी नौकरी करने का ऑप्शन रहेगा."जामिया के अर्जुन सिंह डिस्टेंस लर्निंग सेंटर से तीनों सेनाओं के जवान और अधिकारी पढ़ाई कर रहे हैं. इंडियन कोस्ट गार्ड्स भी अगले सत्र से जामिया से पढ़ाई कर पाएंगे.
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