
दिल्ली सरकार के कामों का बखान शुक्रवार को दिल्ली से लेकर पंजाब के अखबारों में एक-एक पन्ने में दिया है। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पंजाबी भाषा को वैकल्पिक विषय और टीचर्स की भर्ती पहली बार हो रही है।
टीचर्स एसोसिएशन का बयान
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट टीसी सिंह बताते हैं कि पंजाबी, उर्दू और संस्कृति विषय ऑप्शनल के रूप में कई सालों से स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। इसके टीचर्स की नियुक्तियां भी सालों से होती रही है। वो ये भी बताते हैं कि 300 पंजाबी टीचर्स की जगह है करीब 80 पद अब भी खाली पड़े हैं। वो बताते हैं कि इसी तरह 1000 स्कूलों में हजारों पद खाली पड़े हैं।
दिल्ली वालों के टैक्स के पैसे से बन रहा पंजाब में चुनावी माहौल
तो फिर पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने और टीचर्स की नियुक्ति के लाखों रुपये के ऐड दिल्ली से लेकर पंजाब तक में क्यों दिए जा रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी का आरोप है कि 526 करोड़ रुपये का बजट रखकर आम आदमी पार्टी दिल्ली वालों के टैक्स के पैसे से पंजाब में चुनावी माहौल बना रही है।
आम आदमी पार्टी की सफाई
लेकिन, आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह कहते हैं कि दूसरी पार्टियां के ऐड पर किसी को कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन जैसे ही हमारी पार्टी के ऐड छपतें हैं तो मीडिया तुरंत उसे चलाने लगती है। उनके जवाब भी सवाल छिपा है कि जब दूसरी पार्टियां की तरह ही आप करोड़ों के ऐड से अपनी राजनीति चमकाने पर जुटे हैं तो अलग राजनीति करने के नारों पर लोग क्यों भरोसा करें। इसके जवाब में संजय सिंह तपाक से कहते हैं कि जो सरकार ज्यादा काम करेगी। वो ज्यादा प्रचार भी करेगी।
कांग्रेस का आरोप
दिल्ली कांग्रेस के प्रेसीडेंट अजय माकन कहते हैं कि दिल्ली सरकार फिजूलखर्जी कर रही है, बड़े-बड़े ऐड देकर। लेकिन, ये सच है कि दिल्ली सरकार एक भारी भरकम रकम ऐड पर खर्चा कर रही है। कई बार इन ऐड को लेकर आरटीआई भी लगी, लेकिन जवाब आया कि ये सूचनाएं संकलित नहीं है।