Shivratri 2017: करनी है अपनी मनोकामना पूरी, तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 7 चीजें

Shivratri 2017:बहुत कम लोग ही ये जानते हैं कि इस दिन भगवान शिव पर क्‍या चढ़ाना चाहिए और क्‍या नहीं. क्‍या आपको पता है कि आज भोले पर क्‍या चढ़ाकर आप अपनी मनोकामना पूरी करवा सकते हैं नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं.

Shivratri 2017: करनी है अपनी मनोकामना पूरी, तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 7 चीजें

नई दिल्‍ली:

आज है भोले को मनाने को दिन, उनसे अपनी इच्‍छा पूरा कराने का दिन यानी शिवरात्रि. आज के लिए मंदिरों में जहां एक ओर भारी भीड़ जमा हो जाती है वहीं मंदिरों के बारह भगवान शिव पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र, पत्‍थर बेल आदि चीजें भी खूब बिकती हैं. पर बहुत कम लोग ही ये जानते हैं कि इस दिन भगवान शिव पर क्‍या चढ़ाना चाहिए और क्‍या नहीं. क्‍या आपको पता है कि आज भोले पर क्‍या चढ़ाकर आप अपनी मनोकामना पूरी करवा सकते हैं नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं.
 
हल्दी
शिवरात्री पर भगत मंदिर में हल्‍दी के जरिए भगवान शिव को टीका लगाते हैं. वैसे भी लगभग हर धार्मिक कार्य में हल्दी का प्रयेाग किया जाता है. लेकिन भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती. इसका कारण है कि कि ऐसा हल्दी एक स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाते वाली वस्‍त है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है.
 

लाल रंग के फूल
आपने देखा होगा कि शिवरात्रि पर मंदिरों के बाहर खूब फूल बिकते हैं. पर क्‍या आप ध्‍यान दिया कि इन फूलों में लाल रंग के फूल नहीं होते. ज्‍यादातर गेंदा ही नजर आता है. ऐसा इसलिए कि शिवजी को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाते. कहते हैं कि सफेद रंग के फूल चढ़ाने से भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न होते हैं.
 
सिंदूर या कुमकुम
महिलाएं सिंदूर या कुमकुम अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं. कहते हैं भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने गए हैं इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. इसकी बजाए आप चंदन का इसतेमाल कर सकते हैं.
   
लोटा
शिवजी पर इस बार जब आप जल चढ़ाने जाएं तो केवल तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्‍तेमाल करें, स्‍टील या लोहे के लोटे का नहीं.
 
शंख
हिंदू धर्म में शंख को बहुत पवित्र माना गया है हर पूजा-पाठ के काम में इसे बजाना और इसके जरिए लोगों को जल देना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन कहते हैं कि शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करना वर्जित माना गया है.
 
तुलसी
पूजा का जो भी काम हो, उसमें तुलसी को न पूजा जाए या तुलसी का प्रयोग न किया जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. शंख की तरह तुलसी को भी बेहद पवित्र माना गया है, लेकिन तुलसी को भी भगवान शिव पर चढ़ाना वर्जित है.

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