मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों को आदि शंकराचार्य की जीवनी पढ़ाने की तैयारी

मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों को आदि शंकराचार्य की जीवनी पढ़ाने की तैयारी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आदि शंकराचार्य की जीवनी और सनातन धर्म के उद्धार में उनके योगदान पर आधारित पाठ्यक्रम प्रदेश की स्कूल शिक्षा में शामिल किया जायेगा.

आदि शंकराचार्य प्रकटोत्सव पर वैचारिक मंथन और सांस्कृतिक संध्या पर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा, ‘‘आदि शंकराचार्य की जीवनी और सनातन धर्म के उद्धार में उनके योगदान पर आधारित पाठ्यक्रम को मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा में शामिल किया जायेगा.’’ इस मौके पर उन्होंने ‘आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास’ की स्थापना करने की भी घोषणा की और कहा कि इसके माध्यम से आदि शंकराचार्य  के दर्शन एवं वेदांत शिक्षा के प्रसार की गतिविधियां संचालित होंगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए संत समाज मार्गदर्शन करेगा, जबकि सरकार सहयोगी की भूमिका में होगी.

चौहान ने कहा कि विकास करने के अलावा संतों के मार्गदर्शन में नई पीढ़ी को सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक संस्कारों से शिक्षित और दीक्षित करना भी सरकार का काम है.

आदि शंकराचार्य की पवित्र गुफा का जीर्णोद्धार 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की पवित्र गुफा का जीर्णोद्धार होगा, जहां उन्होंने अपने गुरु के मार्गदर्शन में तपस्या की थी. चौहान ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने शिक्षा दी है कि सभी जीवों में एक ही चेतना का स्पंदन है. उन्होंने कहा कि वेदांत दर्शन विश्व की सभी प्रकार की वैमनस्यता और द्वंद्वों को दूर करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि जब विश्व समाज विकसित और सभ्य बनने की प्रक्रिया में था, इससे पहले ही भारत में वेदों की रचना हो चुकी थी. वेदांत दर्शन में संपूर्ण ब्रहमांड के कल्याण की सोच है. भारत एक अद्भुत देश है और इसकी दर्शन परंपराएं अनूठी हैं.

'आदि शंकराचार्य ने सांस्कृतिक अखंडता की नींव मजबूत की'
चौहान ने कहा, ‘‘आदि शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता में आने वाली सारी बाधाएं दूर कर दी हैं. चार पीठों की स्थापना कर उन्होंने भारत को एक सूत्र में बांध दिया. उन्होंने सांस्कृतिक अखंडता की नींव मजबूत की. अब भारत को कोई नहीं तोड़ सकता. आदि शंकराचार्य ने भारत को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत मजबूत बना दिया है.’’ इस मौके पर कांची कामकोटि पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती, चिन्मय मिशन के स्वामी सुबोधानंद महाराज एवं हरिद्वार के स्वामी परमानंद गिरि भी मौजूद थे तथा उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रवर्तक, सनातन धर्म के पुनरुद्धारक और सांस्कृतिक एकता के देवदूत आदि शंकराचार्य का प्रकटोत्सव पूरे मध्यप्रदेश में मनाये जाने पर मुख्यमंत्री चौहान की तारीफ की.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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