Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी के दिन मान्यता है कि ये चीजें भूलकर भी ना करें, वरना संतान को मिल सकता है कष्ट

Ahoi Ashtami 2021: करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं. यह व्रत संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए किया जाता है. मान्यता है अहोई अष्टमी का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है.

Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी के दिन मान्यता है कि ये चीजें भूलकर भी ना करें, वरना संतान को मिल सकता है कष्ट

Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी के दिन इन नियमों का रखें ध्यान, वरना संतान को मिलेगा कष्ट

नई दिल्ली :

Ahoi Ashtami 2021: करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत (Ahoi Ashtami Vrat) रखती हैं. यह व्रत संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए किया जाता है. मान्यता है अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को आता है, जो इस बार 28 अक्टूबर को है. इस व्रत को तारों को देखकर खोला जाता है. माता अहोई इस दिन महिलाओं को संतानों की लंबी आयु का वरदान देती हैं. लेकिन, इस व्रत के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत अनिवार्य है और कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है, जिनका महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए. तो आइए बताते हैं वे कौन से कार्य हैं, जो किसी भी महिला को अहोई अष्टमी के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए...

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अहोई अष्टमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम...

1.इस दिन अपने घर में किसी भी प्रकार से कलेश न करें. मान्यता है कि ऐसा करने से अहोई माता नाराज हो जाती हैं और आपको मनोवांच्छित फल की प्राप्ति नही होती.

2.अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का प्रयोग बिल्कुल न करें. केवल स्टील या पीतल के लोटे का ही प्रयोग करें.

3.अहोई अष्टमी के दिन घर में तामसिक चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें. मान्यता है कि ऐसा करने से संतान की आयु कम होती है.

4.अहोई अष्टमी के दिन सोना नहीं चाहिए है. ऐसी मान्यता है कि सोने से व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूर्ण फलों की प्राप्ति नही होती.

5.अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी को भूलकर भी हाथ न लगाएं और न ही इस दिन खुरपी से कोई पौधा भी उखाड़े.

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6.अहोई अष्टमी के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को दान अवश्य दें. शास्त्रों के अनुसार, किसी भी व्रत के बाद दक्षिणा देने से उस व्रत के पूर्ण फल प्राप्त होते हैं.