Buddha Purnima 2019: बुद्ध पूर्णिमा: महत्व, मान्याताएं और प्रावधान

वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन का काफी महत्व है. इस दिन को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती और उनके निर्वाण दिवस दोनों के ही तौर पर मनाया जाता है. इसी दिन भगवान बुद्ध को बौध यानी ज्ञान प्राप्त हुआ था.

Buddha Purnima 2019: बुद्ध पूर्णिमा: महत्व, मान्याताएं और प्रावधान

Buddha Purnima 2019: बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है.

वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन का काफी महत्व है. इस दिन को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती और उनके निर्वाण दिवस दोनों के ही तौर पर मनाया जाता है. इसी दिन भगवान बुद्ध को बौध यानी ज्ञान प्राप्त हुआ था. यह बुद्ध अनुयायियों के लिए काफी बड़ा त्योहार है. बुद्ध भगवान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे. बौध धर्म को मानने वाले भगवान बुद्ध के उपदेशों का पालन करते हैं. भगवान बुद्ध का पहला उपदेश ‘धर्मचक्र प्रवर्तन' के नाम से जाना जाता है. यह पहला उपदेश भगवान बुद्ध ने आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पांच भिक्षुओं को दिया था.
 

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Budhha Purnima: बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है.

मान्यताएं

  • माना जाता है कि वैशाख की पूर्णिमा को ही भगवान विष्णु का ने अपने नौवें अवतार के रूप में जन्म लिया. यह नौवां अवतार था भगवान बुद्ध का. इसी उनका निर्वाण हुआ. 
  • इसी दिन को सत्य विनायक पूर्णिमा के तौर पर भी मनाया जाता है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा गरीबी के दिनों में उनसे मिलने पहुंचे. इसी दौरान जब दोनों दोस्त साथ बैठे थे, तो कृष्ण ने सुदामा को सत्यविनायक व्रत का विधान बताया था. सुदामा ने इस व्रत को विधिवत किया और उनकी गरीबी नष्ट हो गई. 
  • इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है. कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं. माना जाता है कि धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्‍न होने से अकाल मौत का ड़र कम हो जाता है. 
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स्नान का महत्त्व
हिंदुओं में हर महीने की पूर्णिमा विष्णु भगवान को समर्पित होती है. इस दिन तीर्थ स्थलों में गंगा स्नान का लाभदायक और पाप नाशक माना जाता है. लेकिन वैशाख पूर्णिमा का अपना-अलग ही महत्व है. इसका कारण यह बताया जाता है‍ कि इस माह होने वाली पूर्णिमा को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होता है. इतना ही नहीं चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है. कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन लिया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता है.