Diwali 2020 Lakshmi Puja: दीवाली के दिन इस आसान तरीके से करें मां लक्ष्‍मी की पूजा,जानिए शुभ मुहूर्त और आरती

Diwali 2020 Lakshmi Puja: आज दीवाली है और दीवाली के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि इस दिन लक्ष्‍मी पूजन करने से मां प्रसन्न होती हैं और घर पर उनका वास होता है.

Diwali 2020 Lakshmi Puja: दीवाली के दिन इस आसान तरीके से करें मां लक्ष्‍मी की पूजा,जानिए शुभ मुहूर्त और आरती

Diwali 2020 Lakshmi Puja: दीवाली के दिन इस आसान तरीके से करें मां लक्ष्‍मी की पूजा,जानिए शुभ मुहूर्त और आरती

Diwali 2020 Lakshmi Puja: आज दीवाली है और दीवाली (Diwali) के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्‍मी (Maa Lakshmi) की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि इस दिन लक्ष्‍मी पूजन (Lakshmi Puja) करने से मां प्रसन्न होती हैं और घर पर उनका वास होता है. वैसे तो दीवाली पर मां लक्ष्‍मी की षोडशोपचार यानी कि 16 तरीके से पूजा करने का विधान है. लेकिन भागती-दौड़ती जिंदगी में कम समय के चलते विस्‍तृत पूजा करना हर बार संभव नहीं हो पाता. ऐसे में हम यहां पर आपको दीवाली के दिन लक्ष्‍मी पूजन की सरल विधि के बारे में बता रहे हैं.

Diwali 2020 Puja: आज है दीवाली, जानें शुभ मुहूर्त, लक्ष्‍मी पूजन का सही तरीका और आरती

दीवाली की तिथि और शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)
दीवाली / लक्ष्‍मी पूजन की तिथि: 14 नवंबर 2020 
अमावस्‍या तिथि प्रारंभ: 14 नवंबर 2020 को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 
अमावस्‍या तिथि समाप्‍त: 15 नवंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक 
लक्ष्‍मी पूजा मुहुर्त: 14 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 07 बजकर 24 मिनट तक
कुल अवधि: 01 घंटे 56 मिनट  

दीवाली पर लक्ष्‍मी पूजा की सरल विधि 
- दीवाली के दिन सुबह उठकर सबसे पहले घर की अच्‍छे से साफ सफाई करें. मान्‍यता है कि मां लक्ष्‍मी साफ-सुथरे घर में ही निवास करती हैं. 
- इसके बाद स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें. 
-  सुबह के समय घर के मंदिर में दीपक जलाएं और नियमित पूजा करें. 
- शाम के समय सुंदर और स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें. 
- इसके बाद पूजा से पहले पूरे घर में गंगाजल छिड़क कर शुद्धिकरण करें. 
- अब एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसके बीच में एक मुट्ठी गेहूं भी रखें. 
- अब गेहूं के ऊपर एक कलश स्‍थापित करें. इस कलश में पानी भरकर रखें. 
- अब कलश के अंदर एक सिक्‍का, सुपारी, गेंदे का फूल और चावल के दानें डालें. 
- इसके बाद कलश मे आम या अशोक के पांच पत्ते रखकर गोलाकार व्‍यवस्थित करें. 
- पत्तों के ऊपर पूजा की छोटी थाली रखें और एक मुट्ठी चावल रखें. 
- अब कलश के बगल में चौकी के ऊपर हल्‍दी से एक कमल बनाएं और उसके ऊपर देवी लक्ष्‍मी की प्रतिमा रखें. 
- मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा के सामने कुछ सिक्‍के भी रखें. 
- इसके बाद मां लक्ष्‍मी के दाहिने ओर गणेश जी की प्रतिमा रखें. 
- अब एक थाली में हल्‍दी,कुमकुम और चावल के दानें रखें और उनके साथ दीपक जलाकर रखें. 
- इसके बाद सबसे पहले कलश को तिलक लगाकर पूजा की शुरुआत करें. 
- अब हाथ में फूल और चावल लेकर मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान करें. 
- अब भगवान गणेश और मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा पर फूल और अक्षत चढ़ाएं. 
- इसके बाद उनकी प्रतिमा को चौकी से उठाकर एक थाली में रखें और पंचामृत (दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल का मिश्रण) से स्‍नान कराएं. 
- अब दोनों प्रतिमाओं को साफ पानी से स्‍नान कराएं और उन्‍हें पोंछकर वापस चौकी पर रख दें. 
- अब लक्ष्‍मी-गणेश की प्रतिमा को टीका लगाएं. इसके बाद दोनों को माला चढ़ाएं. साथ ही बेल पत्र और गेंदे का फूल अर्पित करें. इसके बाद धूप जलाएं. 
- फिर भगवान गणेश और मां लक्ष्‍मी को नारियल, धनिया के बीज, जीरा और खीले चढ़ाएं.
- प्रतिमा के सामने खीले-खिलौने, बताशे, मिठाइयां फल, पैसे और सोने के आभूषण रखें. 
- अब पूरे परिवार के साथ मिलकर मां लक्ष्‍मी की आरती उतारें.  
- आरती के बाद मंदिर में रखे दीपकों को घर के अलग-अलग स्‍थानों पर ले जाकर रख दें. 

मां लक्ष्‍मी की आरती
मां लक्ष्‍मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥  

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