भूमि पूजन के बाद भगवान राम की कुलदेवी ''बड़ी देवकाली'' मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

पाठक ने मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये कहा, ''भगवान राम के पूर्वज राजा रघु को सपने में देवी के दर्शन हुये थे. देवी ने उन्हें यज्ञ करवाने का निर्देश देते हुये कहा था कि युद्ध में उनकी विजय होगी.

भूमि पूजन के बाद भगवान राम की कुलदेवी ''बड़ी देवकाली'' मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

मान्यता है कि बड़ी देवकाली भगवान राम की कुलदेवी थी.

नई दिल्ली:

अयोध्या में श्री राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद भगवान राम की कुलदेवी 'बड़ी देवकाली' के यहां स्थित मंदिर में भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. देवकाली मंदिर के महंत को उम्मीद है कि राम मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को 'बड़ी देवकाली' मंदिर की महत्ता की भी जानकारी मिलेगी. ऐसी मान्यता है कि बड़ी देवकाली भगवान राम की कुलदेवी थी और यह तीन देवियों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संगम है.

मंदिर के महंत सुनील पाठक ने कहा, ''बड़ी देवकाली के मंदिर को लेकर इस इलाके में काफी श्रद्धा है. बड़ी देवकाली भगवान राम की कुलदेवी है.'' उन्होंने  कहा, ''मैं एक अयोध्यावासी होने के नाते बहुत प्रसन्न हूं कि भगवान राम को उनका जन्म स्थान मिल गया. भगवान राम भारत की आत्मा हैं. मेरा मानना है कि जब राम मंदिर के दर्शन करने श्रद्धालु अयोध्या आयेंगे, तो वे बड़ी देवकाली मंदिर के दर्शन करने भी जरूर आयेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि श्रद्धालुओं को जब इस मंदिर का भगवान राम के परिवार के संबंध होने के बारे में जानकारी मिलेगी, तो वे बड़ी संख्या में यहां भी आयेंगे.''

पाठक ने मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये कहा, ''भगवान राम के पूर्वज राजा रघु को सपने में देवी के दर्शन हुये थे. देवी ने उन्हें यज्ञ करवाने का निर्देश देते हुये कहा था कि युद्ध में उनकी विजय होगी. राजा रघु ने देवी के आदेश का पालन करते हुये यज्ञ करवाया और वह युद्ध में विजयी हुये, जिसके बाद उन्होंने यहां बड़ी देवकाली की मूर्ति स्थापित कराई.''

पाठक ने बड़ी देवकाली की महत्ता को बताते हुये कहा, ''भगवान राम के जन्म के बाद उनकी माता कौशल्या पूरे परिवार के साथ मंदिर आयी थीं. उसके बाद ऐसी परंपरा बन गयी है कि जब किसी के घर में बच्चे का जन्म होता है, तो उस परिवार के सदस्य पहले मंदिर आकर देवी के दर्शन करते हैं. बहुत से लोग कोई नया काम शुरू करने से पहले भी मंदिर में देवी के दर्शन करने आते हैं.''

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उन्होंने बताया कि श्रद्धालु बहुत दूर-दराज के इलाकों से अपनी समस्याएं एवं मन्नतें लेकर देवी के मंदिर में आते हैं और जब उनकी समस्याएं दूर हो जाती है एवं मन्नतें पूरी हो जाती है, तो वे देवी को धन्यवाद कहने आते हैं. पाठक ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा, बसंत, शारदीय नवरात्र और रामनवमी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)