कठुआ में श्राइन बोर्ड के कामकाज से जम्मू-कश्मीर व‍िधानसभा चयन सम‍ित‍ि नाखुश

कठुआ श्राइन बोर्ड का गठन नवंबर 2013 में हुआ था. उसे कठुआ जिले में शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित दो मंदिरों की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था.

कठुआ में श्राइन बोर्ड के कामकाज से जम्मू-कश्मीर व‍िधानसभा चयन सम‍ित‍ि नाखुश

माता सुकराला देवी

खास बातें

  • कठुआ श्राइन बोर्ड के कामकाज से चयन सम‍ित‍ि नाराज है
  • सम‍ित‍ि का कहना है क‍ि बोर्ड सही से काम नहीं कर रहा है
  • बोर्ड अपने लक्ष्‍यों को हासिल करने में नाकामयाब रहा है
नई द‍िल्‍ली :

कश्मीर विधानसभा की चयन समिति ने उस बोर्ड के कामकाज पर नाखुशी जाहिर की है जो राज्य के कठुआ जिले के दो अहम हिंदू मंदिरों का प्रबंधन संभालता है. समिति की बैठक पर्यटन मंत्री तसादक मुफ्ती की अध्यक्षता में हुई. 

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बैठक में कहा गया , 'श्री माता सुकराला देवी मंदिर और श्री माता बाला सुंदरी मंदिर के बोर्ड को जो जिम्मा सौंपा गया था वह उसके साथ न्याय नहीं कर पा रहा है और दोनों मंदिरों का उचित प्रबंधन भी नहीं हो रहा है.' 

बोर्ड का गठन नवंबर 2013 में हुआ था. उसे कठुआ जिले में शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित दो मंदिरों की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था. 

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फरवरी में बजट सत्र के दौरान निचले सदन ने जम्मू-कश्मीर श्री माता सुकराला देवी जी मंदिर और श्री माता बाला सुंदरी मंदिर अधिनियम 2013 में संशोधन संबंधी विधेयक को सदन की चयन समिति के पास भेजा था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक देविंदर सिंह राणा इस बाबत प्रस्ताव लाए थे.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि समिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य भी हैं. मुफ्ती की अध्यक्षता में इस समिति की बैठक हुई थी. इसमें पाया गया कि दोनों मंदिरों के लिए जो वर्तमान बोर्ड है उसने अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है और स्थानीय लोग तथा तीर्थयात्री उससे संतुष्ट नहीं हैं. 


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