Kamika Ekadashi: 28 जुलाई को है कामिका एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, कथा और महत्व

सावन या श्रावण महीने में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं. इस बार कामिका एकादशी 28 जुलाई को है. 

Kamika Ekadashi: 28 जुलाई को है कामिका एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, कथा और महत्व

कामिका एकादशी

नई दिल्ली:

सावन महीने में आने वाली कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इस एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस एकादशी के महत्व के बारे में भगवान कृष्ण ने खुद युधिष्ठर को बताया था. उन्होंने कहा था कि इस एकादशी का व्रत रखने वाले को अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस बार ये कामिका एकादशी 28 जुलाई को है. 

कामिका एकादशी कब है?
सावन या श्रावण महीने में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं. इस बार कामिका एकादशी 28 जुलाई को है. 

कामिका एकादशी शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शुरू - 07:46 शाम, 27 जुलाई, 2019
शुभ मुहूर्त समाप्त - 06:49 शाम, 28 जुलाई, 2019

कामिका एकादशी पूजा विधि
1. सुबह नहा-धोकर पीले रंग के कपड़े पहनें.
2. कामिका एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा करें.
3. विष्णु जी की मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं.
4. मूर्ति पर पीले रंग के फूल, तिल, दूध और पंचामृत चढ़ाएं.
5. भगवान विष्णु के मंत्र 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें.
6. आखिर में भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें.

कामिका एकादशी का महत्व
इस एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं. मोक्ष की प्राप्ति होती है. सभी परेशानियों का अंत होता है और हर काम में सफलता मिलती है. मान्यता है कि कामिका एकादशी का महत्व इतना है कि खुद भगवान कृष्ण ने इसके बारे में युधिष्ठिर को बताया था. इस दिन गरीबों और ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए और दान देना चाहिए.


कामिका एकादशी कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में गुस्सैल ठाकुर रहता था. एक दिन क्रोध में आकर उसका ब्राह्मण से झगड़ा हो जाता है. झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि ठाकुर से ब्राह्मण का खून हो जाता है. अपने अपराध की क्षमा याचना हेतु ठाकुर ने ब्राह्मण का क्रियाक्रम कराना चाहा. लेकिन पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया और वह ब्रह्म हत्या का दोषी बन गया. परिणामस्वरूप ब्राह्मणों ने भोजन करने से मना कर दिया. 

तब उसने एक मुनि से निवेदन किया कि - हे भगवान मेरा पाप कैसे दूर हो सकता है. इस पर मुनि ने उसे कामिका एकादशी व्रत करने को कहा. ठाकुर ने वैसे ही किया जैसा मुनि ने उससे कहा. एक रात वह भगवान की मूर्ति के पास सो रहा था, तभी उसे सपने में प्रभु के दर्शन हुए और उन्होंने उसे उसके पापों को दूर करके क्षमा दान दिया.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

तभी से मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से सभी पापों का नाश हो जाता है.