21 अगस्त को साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, जानें कहां-कहां होगा असर और किन बातों का रखें ख्‍याल

यह सूर्य ग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है. इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 26 फरवरी को लगा था और  इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण था.

21 अगस्त को साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, जानें कहां-कहां होगा असर और किन बातों का रखें ख्‍याल

Surya Grahan 2017: भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा.

खास बातें

  • ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा.
  • इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 26 फरवरी को लगा था.
  • इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगा था.

साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण 21 अगस्त को दिखाई देगा. ये पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा. भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. हालांकि बताया जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है. इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था और  इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण था.

यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा. 99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. अमेरिका में सुबह 10.15 मिनट से सूर्यग्रहण ऑरेगन के तट से दिखने लगेगा और दक्षिण कैरोलीना के तट पर दोपहर 2.50 बजे खत्म होगा. उत्तरी अमेरिका के सभी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा.

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सूर्यग्रहण पर क्या करें और क्या नहीं

- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए. 
- स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है. यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं.
- हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए.
 
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Surya Grahan 2017: इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था.

- मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभाव से शिशु को प्रभावित कर सकता है. 
- यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना - ये सब कार्य वर्जित हैं.
- सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है.

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वैज्ञानिक मान्यता

सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.
 
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Surya Grahan 2017: इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को खंडग्रास चंद्रग्रहण था.

नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्‍टकोप का ही इस्‍तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्‍में का भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्‍ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.

क्या करें गर्भवती महिलाएं

- ग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें. 
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें. 
- भगवान का जप-ध्यान करें.

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