इस वृक्ष के नीचे मिला था बुद्ध को ज्ञान, वैज्ञानिकों ने जांच में वृक्ष को पाया पूर्ण स्वस्थ

महाबोधि मंदिर के प्रभारी भंते चालिंदा ने बताया कि वैज्ञानिकों ने यह भी जानने का प्रयास किया कि टहनियों को सुरक्षित रखने के लिए बल्लियां लगाने की जरूरत है या नहीं

इस वृक्ष के नीचे मिला था बुद्ध को ज्ञान, वैज्ञानिकों ने जांच में वृक्ष को पाया पूर्ण स्वस्थ

इस वृक्ष के नीचे मिला था बुद्ध को ज्ञान

खास बातें

  • जुलाई 2012 को महाबोधि वृक्ष की एक टहनी टूटकर गिर गई थी.
  • रासायनिक दवा का छिड़काव किया गया
  • महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक बोधगया आते हैं

बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध ने जिस पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था हाल में ही उसकी नियमित वैज्ञानिक जांच संपन्न हुई. बिहार के बोधगया में स्थित इस पवित्र वृक्ष को जांच में पूर्ण स्वस्थ पाया गया.

बोधगया के महाबोधि मंदिर के परिसर में स्थित इस प्राचीन वृक्ष के संरक्षण में लगे देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक एस.के.के. हर्ष ने महाबोधि वृक्ष की नियमित जांच की. उन्होंने कहा "महाबोधि वृक्ष एकदम स्वस्थ है, लेकिन समय-समय पर नियमित जांच जरूरी है."

उन्होंने बताया "यह वृक्ष से पुराने पत्ते गिरने का समय है. इस कारण बुधवार को वृक्ष पर रासायनिक दवा का छिड़काव किया गया. उन्होंने बताया कि मोटी डालियों (टहनियों) पर रासायनिक दवा का लेप लगाया जाएगा."

पूरी दुनिया से यहां आते हैं लोग

महाबोधि मंदिर के प्रभारी भंते चालिंदा ने बताया कि वैज्ञानिकों ने यह भी जानने का प्रयास किया कि टहनियों को सुरक्षित रखने के लिए बल्लियां लगाने की जरूरत है या नहीं.

उल्लेखनीय है कि जुलाई 2012 को महाबोधि वृक्ष की एक टहनी टूटकर गिर गई थी. टहनी टूटने को अपशकुन माना गया था. साथ ही, तब यह कयास लगाया जाने लगा था कि यह पवित्र वृक्ष धीरे-धीरे मृत्यु की अग्रसर होने वाला है.

ऐसी मान्यता है कि महाबोधि मंदिर के इसी महाबोधि वृक्ष के नीचे कठिन तपस्या के बाद महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. पवित्र महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक बोधगया आते हैं.

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