Maha Shivratri 2020: जानिए क्‍यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

Shivratri 2020: पुराणों में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का सर्वाधिक महत्‍व बताया गया है. हिन्‍दू मान्‍यताओं में साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है.

Maha Shivratri 2020: जानिए क्‍यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

Shivratri 2020: शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना अत्‍यंत कल्‍याणकारी माना जाता है

नई दिल्ली:

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है. आदि देव महादेव के भक्‍त साल भर इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं. मान्‍यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, बेर और भांग चढ़ाने से भक्‍त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे महादेव की विशेष कृपा मिलती है. वैसे तो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि (Shivratri) आती है, लेकिन फाल्‍गुन मास की कृष्‍ण चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. पुराणों में महाशिवरात्रि का सर्वाधिक महत्‍व बताया गया है. हिन्‍दू मान्‍यताओं में साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. आपको बता दें कि इस बार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जा रही है. 

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महाशिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त 
महाशिवरात्रि की तिथि: 21 फरवरी 2020
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्‍त:  22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक 
रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी 2020 को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक 

क्‍यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?
अब सवाल उठता है कि आखिर महाशिवरात्रि क्‍यों मनाई जाती? दरअसल, महाशिवरात्रि मनाए जाने को लेकर कई मान्‍यताएं प्रचलित हैं.  शिवरात्रि मनाए जाने को लेकर तीन मान्‍यताएं जो सर्वाधिक प्रचलित हैं वो इस प्रकार हैं:

- एक पौराणिक मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे. मान्‍यता है कि शिव जी अग्नि ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हु थे, जिसका न आदि था और न ही अंत. कहते हैं कि इस शिवलिंग के बारे में जानने के लिए सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण किया और उसके ऊपरी भाग तक जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली.  वहीं, सृष्टि के पालनहार विष्‍णु ने भी वराह रूप धारण कर उस शिवलिंग का आधार ढूंढना शुरू किया लेकिन वो भी असफल रहे. 

- एक अन्‍य पौराणिक मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही विभन्नि 64 जगहों पर शिवलिंग उत्‍पन्न हुए थे. हालांकि 64 में से केवल 12 ज्योतिर्लिंगों  के बारे में जानकारी उपलब्‍ध. इन्‍हें 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम से जाना जाता है. 

- तीसरी मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि की रात को ही भगवान शिव शंकर और माता शक्ति का विवाह संपन्न हुआ था. 

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हमारी ओर से आप सभी को शिवरात्रि की शुभकामनाएं.