मुंबई में इस्कॉन की जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, 56 भोग भी तैयार

ब्रह्मांड के रचियता के रूप में सम्मानित, भगवान जगन्नाथ को भगवान कृष्ण के एक अमूर्त रूप में पूजा जाता है और पुरी में रथ उत्सव कई सदियों से मनाया जाता है.

मुंबई में इस्कॉन की जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, 56 भोग भी तैयार

मुंबई में इस्कॉन की जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू

खास बातें

  • देशभर में निकाली जाएंगी यात्रा
  • शिवाजी पार्क में आयोजन
  • दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा
नई दिल्ली:

देश के अलग-अलग हिस्सों और मुंबई से करीब एक लाख श्रद्धालु शनिवार को शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाली मशहूर सालाना भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में हिस्सा लेंगे. अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी कृष्णा चेतना के एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. ओडिशा के पुरी में आयोजित प्रसिद्ध रथ यात्रा के बाद इस्कॉन के चौपाटी मंदिर द्वारा आयोजित इस रथ यात्रा को दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है. इसी तरह की रथ यात्रा अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में निकाला जाएगा. 

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हर साल की तरह, मुख्य आकर्षण भगवान जगन्नाथ के विशेष दर्श्न, भगवान के विशिष्ट बर्तन में 56 भोग प्रसाद, मंगल यज्ञ, रात के खाने में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों के अलावा भागीदारों में वैदिक साहित्य का वितरण होगा.

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रथ यात्रा महाआरती के बाद शाम तीन बजे से शुरू होगी और शिवाजी पार्क से शिवसेना भवन जाएगी. यह यात्रा अपने रास्ते में सबसे पुराने और व्यस्त जगहों से होती हुई वापस शिवाजी पार्क आएगी. 

शाम को इस्कॉन आध्यात्मिक प्रमुख राधानाथ स्वामी महाराज के प्रवचन और धार्मिक गायन भी होगा. 

ब्रह्मांड के रचियता के रूप में सम्मानित, भगवान जगन्नाथ को भगवान कृष्ण के एक अमूर्त रूप में पूजा जाता है और पुरी में रथ उत्सव कई सदियों से मनाया जाता है.

इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य, श्रीला प्रभुपद ने त्योहार को वैश्विक महोत्सव बनाने का फैसला किया. उन्होंने 1967 में सैन फ्रांसिस्को से इसकी शुरुआत की. इसके पीछे का मकसद यह था कि जो भक्त किसी कारणवश पुरी नहीं जा सकते वह अपने शहर या देश में ही उत्सव में शामिल होकर त्योहार मनाएं.

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