6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू, जानिए कब मनाई जाएगी राम नवमी और गुड़ी पड़वा
कलश स्थापना के लिए सामग्री
मिट्टी का पात्र, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोका या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला.
ऐसे करें कलश स्थापना
1. नवरात्रि के पहले दिन नहाकर मंदिर की सफाई करें या फिर जमीन पर माता की चौकी लगाएं.
2. सबसे पहले भगवान गणेश जी का नाम लें.
3. मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालें. उसमें जौ के बीच डालें.
4. कलश या लोटे पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं.
5. लोटे (कलश) पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें.
6. अब लोटे (कलश) के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें.
7. अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीचोबीच रख दें.
8. अब माता के सामने व्रत का संकल्प लें.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
6 अप्रैल की सुबह 06:19 से 10:26 तक कलश की स्थापना करें.
जानिए क्यों की जाती है कलश स्थापना
कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है. मान्यता है कि कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है और शक्ति की इस देवी का नवरात्रि से पहले वंदना शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इससे देवी मां घरों में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाती हैं.