Baisakhi 2020: पाकिस्तान में COVID-19 के चलते गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी का कार्यक्रम हुआ रद्द

Baisakhi 2020: ईटीपीबी देश में अल्पसंख्यक समुदायों के पवित्र स्थलों की देख-रेख करता है. गुरुद्वारा पंजा साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के हाथ के पंजों के निशान हैं.

Baisakhi 2020: पाकिस्तान में COVID-19 के चलते गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी का कार्यक्रम हुआ रद्द

गुरुद्वारा पंजा साबिह में कोविड-19 के चलते हुए बैसाखी के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है.

लाहौर:

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर पंजाब प्रांत के गुरुद्वारा पंजा साहिब (Gurudwara Panja Sahib) में 14 अप्रैल से आयोजित होने वाले बैसाखी (Baisakhi) उत्सव को रद्द कर दिया है. इस उत्सव में भारत से 3,000 सिख शामिल होने वाले थे. मीडिया में आई खबरों में सोमवार को यह जानकारी दी गई. पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों की संख्या सोमवार को बढ़कर 3,277 तक पहुंच गई और पंजाब प्रांत इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं जहां अब तक करीब 1,500 मामले सामने आ चुके हैं.

डान न्यूज की खबर के मुताबिक पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल शहर में स्थित पवित्र गुरुद्वारे में बैसाखी कार्यक्रम का आयोजन होना था. इसमें कहा गया कि अब उस दिन सिर्फ एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. खबर में कहा गया कि निष्क्रांत संपत्ति न्यास बोर्ड (ईटीपीबी) के धर्मस्थल उप सचिव, इमरान गोंदल ने कहा कि ईटीपीबी और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की एक बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि इस साल गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी का उत्सव नहीं होगा और सिख श्रद्धालुओं की निर्धारित यात्रा भी रद्द की जाती है. 

ईटीपीबी देश में अल्पसंख्यक समुदायों के पवित्र स्थलों की देख-रेख करता है. गुरुद्वारा पंजा साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के हाथ के पंजों के निशान हैं. खबर में कहा गया कि इस उत्सव के लिये भारत से करीब तीन हजार सिख और दुनिया के अन्य हिस्सों से 2000 सिखों को आना था. गोंदल ने कहा कि धार्मिक मामलों के मंत्रालय को इस बारे में पहले ही जानकारी दी जा चुकी है जो आगे विदेश विभाग और भारत सरकार को इस फैसले के बारे में अवगत करा देगा. 

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इसमें कहा गया है कि नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग इस साल तीर्थयात्रियों को वीजा जारी नहीं करेगा. पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार अमीर सिंह ने कहा कि जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला आसान नहीं था क्योंकि दुनिया भर में सिखों की धार्मिक भावनाएं इससे जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतीकात्मक बैसाखी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.