देश का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में ओडिशा के जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा यहां के जगदीश स्वामी मंदिर से पूरे विधि-विधान से शुभारंभ हुआ। यहां हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आयोजित की जाती है, जो कई मायनों में अनूठी और बेमिसाल है।
देश की सबसे पुरानी रथयात्राओं में से एक...
पन्ना की जगन्नाथ रथयात्रा को देश के तीन सबसे पुराने और भव्य रथयात्राओं में गिना जाता है। इस साल 20 जून को इस वार्षिक अनुष्ठान का शुभारंभ स्नान यात्रा से शुरू हुआ। सुबह करीब नौ बजे से शुरू हुए इस स्नान यात्रा में सबसे पहले भगवान के विग्रह (मूर्ति) को मंदिर के बाहर निकाला गया। इसके बाद विधि विधान के अनुसार उन्हें छिद्र वाले घड़े से औषधीस युक्त जल से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्नान कराया गया।
15 दिन के लिए बीमार पड़ जाएंगे भगवान जगन्नाथ...
परंपरा के अनुसार, स्नान यात्रा के दौरान लू लगने से भगवान जगन्नाथ 15 दिन को बीमार पड़ जाएंगे। स्नान यात्रा के बाद भगवान को 4 जुलाई को पथ्य प्रसाद दिया जाएगा। इसके बाद 5 जुलाई को रात 8 बजे धूप-कपूर की झांकी आयोजित की जाएगी। फिर 6 जुलाई को शाम 6.30 बजे जगदीश स्वामी मंदिर से रथयात्रा प्रारंभ होगी।
180 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी यह रथयात्रा...
पन्ना की इस ऐतिहासिक की परंपरा की शुरुआत तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह जूदेव द्वारा 180 वर्ष पूर्व की गई थी। जगन्नाथ स्वामी जी की एक झलक पाने के लिए जहां दूर-दूर से श्रद्घालु यहां आते हैं। यह इस जिले का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह है, जिसके लिए प्रशासन द्वारा भी इस आयोजन को लेकर काफी प्रबंध किए जाते हैं।