ऑनलाइन बुकिंग के जरिए करें 'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान

भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है. इस पखवाड़े में लोग अपने पूर्वजों के मृतात्माओं की मुक्ति के लिए यहां आकर पिंडदान करते हैं.

ऑनलाइन बुकिंग के जरिए करें 'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान

गया में पिंड दान.

पटना:

हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गया में पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है. बिहार का गया इसके लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है. इस वर्ष (6 से 20 सितंबर) के बीच गया में पितृपक्ष मेला लगने जा रहा है. इस मेले में आने वाले देश और विदेश के श्रद्घालुओं के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है.  भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है. इस पखवाड़े में लोग अपने पूर्वजों के मृतात्माओं की मुक्ति के लिए यहां आकर पिंडदान करते हैं, यही कारण है कि गया को 'मोक्ष की भूमि' भी कहा जाता है. 

गया के पंडा बताते हैं कि पितृपक्ष यानी महालया में कर्मकांड की विधियां और विधान अलग-अलग हैं. श्रद्घालु एक दिन, तीन दिन, सात दिन, 15 दिन और 17 दिन का कर्मकांड करते हैं. इस दौरान पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध किया जाता है. 

शास्त्रों की मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वजों को याद कर किया जाने वाला पिंडदान सीधे उन तक पहुंचता है और उन्हें सीधे स्वर्ग तक ले जाता है. माता-पिता और पुरखों की मृत्यु के बाद उनकी तृप्ति के लिए श्रद्घापूर्वक किए जाने वाले इसी कर्मकांड को पितृ श्राद्घ कहा जाता है. 

गया आने वाले पिंडदानियों के लिए कई तरह के पैकेज की घोषणा की गई है. बिहार पर्यटन विकास निगम के अधिकारी ने बताया कि गया में इस साल छह से 20 सितंबर के बीच पितृपक्ष मेला होगा. इस मौके पर पिंडदान करने की परंपरा है. पिंडदान करने वालों के लिए स्पेशल टूर पैकेज जारी किया गया है, जिससे ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है.

निगम के जनसंपर्क अधिकारी गजेंद्र सिंह बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी स्थान से बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की वेबसाइट पर जाकर पिंडदान से जुड़े विभिन्न पैकेज की बुकिंग करा सकता है. इसके लिए वेबसाइट पर ई-मेल आईडी के अलावा बैंक खाता संख्या भी उपलब्ध है. निगम के एक अधिकारी के अनुसार बुकिंग जारी है और साथ ही कई लोग इसके बारे में जानकारी भी प्राप्त कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में पैकेज दरों में पांच प्रतिशत की वृद्घि हुई है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष टूर पैकेज का लाभ पटना और गया दोनों जगहों से मिलेगा. इसमें पटना से गया का पैकेज एक दिन और पटना से गया, बोधगया, राजगीर, नालंदा भ्रमण के बाद पटना वापसी का दो दिनों का पैकेज है. इस पैकेज में श्रद्घालुओं का बोधगया में रात्रि विश्राम भी शामिल है. इस अलावा पैकेज में खानपान, होटल में ठहरने, पूजन सामग्री के साथ पंडे की दक्षिणा भी शामिल है. 

सिंह के मुताबिक निगम की ओर से पटना से गया के लिए एक व्यक्ति का एक दिन का पैकेज 8,600 रुपए है, जबकि दो दिन के पैकेज के लिए एक व्यक्ति को 10,500 रुपये चुकाने होंगे.

उन्होंने बताया कि निगम द्वारा गया में तीन पैकेज हैं. इसमें दो दिन का पैकेज गया से बोधगया, राजगीर, नालंदा और वापसी गया है. दूसरा पैकेज एक दिन गया में पिंडदान के बाद ठहराव का है जबकि तीसरा पैकेज एक दिन का सिर्फ गया में पिंडदान का है.
VIDEO : पिंड दान को आते लाखों हिंदू

उन्होंने बताया कि वाहन बुक कराने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों के लिए निगम इस वर्ष वाहन उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा, "श्रद्घालु यदि हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशनों से पिंडदान के लिए गया जाना चाहेंगे, तो उन जगहों पर वाहन की सुविधा भी निगम उपलब्ध कराएगी." 
 


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