विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From May 01, 2020

Chardham Yatra: समय पर नहीं खुल पाए बदरीनाथ के कपाट, अब 15 मई का मुहूर्त तय

Badrinath Dham: पहले 30 अप्रैल को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने थे, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कपाट खोले जाने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी और 15 मई को तड़के साढ़े चार बजे कपाट खोलने का नया मुहूर्त निकाला गया था.

Read Time: 12 mins
Chardham Yatra: समय पर नहीं खुल पाए बदरीनाथ के कपाट, अब 15 मई का मुहूर्त तय
इस बार बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खेले जाएंगे.
देहरादून:

उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम (Badrinath) के कपाट नए मुहूर्त पर 15 मई को खोले जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

पहले 30 अप्रैल को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने थे, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कपाट खोले जाने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी और 15 मई को तड़के साढ़े चार बजे कपाट खोलने का नया मुहूर्त निकाला गया था.

Advertisement

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ के कपाट खुलने की व्यवस्थाओं में कर्मचारी जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया, "मंदिर परिसर से बर्फ हटाई जा चुकी है. मंदिर पर रंग रोगन का काम भी अंतिम चरण में है. पानी, बिजली ब्यवस्था बहाल की जा चुकी है."

उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं की तैयारियों में जुटे कर्मचारियों के लिए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखे जाने के अलावा मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है.

इस बीच, केरल से ऋषिकेश पहुंचने के बाद 14 दिन तक पृथक रहने की अवधि गुजार रहे बदरीनाथ धाम के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ऋषिकेश स्वस्थ चल रहे हैं.

गौड़ ने बताया कि ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से उनकी पहली कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी है जबकि चार मई को कोरोनावायरस संक्रमण के लिए उनकी दूसरी जांच भी करायी जाएगी.

उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस महामारी से बचाव के तहत जारी सरकारी परामर्श के अनुसार फिलहाल धार्मिक स्थलों में तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति नहीं है और इसलिए बदरीनाथ धाम में भी कपाट खुलने के दौरान सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे.

Advertisement

चारधामों में से अन्य तीनों धामों के कपाट पहले ही खुल चुके हैं. अक्षय तृतीया के पर्व पर 26 अप्रैल को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुले थे, जबकि 29 अप्रैल को रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए.

गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध इन मंदिरों के कपाट सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते हैं और अप्रैल-मई में फिर से खोले जाते हैं.

Advertisement

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
बुद्ध पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में भक्तों ने किया स्नान, यहां जानिए स्नान और दान का महत्व और शुभ मुहूर्त
Chardham Yatra: समय पर नहीं खुल पाए बदरीनाथ के कपाट, अब 15 मई का मुहूर्त तय
पापमोचिनी एकादशी पर श्रीहरि को लगा सकते हैं इन चीज़ों का भोग, मान्यतानुसार आर्थिक दिक्कतें हो जाती हैं दूर 
Next Article
पापमोचिनी एकादशी पर श्रीहरि को लगा सकते हैं इन चीज़ों का भोग, मान्यतानुसार आर्थिक दिक्कतें हो जाती हैं दूर 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;