छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ शुरू, महानदी के किनारे गंगा आरती घाट का हुआ लोकार्पण

छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ शुरू, महानदी के किनारे गंगा आरती घाट का हुआ लोकार्पण

राजिम कुंभ कल्प मेला महोत्सव शुरू (image credit: ianshindi.com)

रायपुर:

छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ कल्प मेला महोत्सव शुरू हो गया है. उद्घाटन समारोह से पहले संगम आरती हुई, जिसमें काफी भीड़ जुटी. मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने राजिम के त्रिवेणी संगम पर महानदी के किनारे नवनिर्मित गंगा आरती घाट का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि सुधांशु महाराज के आने से कुंभ का महत्व बढ़ गया है. 

वहीं सुधांशु महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती साधु-संतों की धरती है. मर्यादा का संदेश पूरी दुनिया को यहीं से मिलता है. ये महानदी जिसका वर्णन महाभारत में व्यास ने किया है, इस भूमि में अनेक तरह की खनिज संपदाएं हैं.

उन्होंने कहा, "अपनी संस्कृति को जीवित करें, संस्कृति का प्रभाव हम देख रहे है. संस्कृति और धर्म को बचाने के लिए इस प्रकार के कार्य होने चाहिए. अपना हिस्सा दूसरे को देना और मुस्कुराना, यही भारत की संस्कृति है. उम्र बढ़ती है, तृष्णा घटती है, लेकिन विधि का विधान न तो घटता है और न बढ़ता है."

सुधांशु महाराज ने कहा, "जहां शांति होती है, वहां विकास होता है. वैचारिक प्रदूषण हमें दूर करना है." धर्मस्व एवं कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उन्हें स्मृति चिह्न् भेंट किया.

उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ का प्रताप है कि छत्तीसगढ़ आज विकास कर रहा है. छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों में अग्रणी है. स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि संस्कृति, पर्यटन, धर्म, मानव की सेवाएं व पुष्टि मार्ग का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है. 

विधायक संतोष उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने राजिम मेला को एक नया रूप प्रदान किया. सांसद चंदूलाल साहू ने कहा कि भारत ज्ञान-विज्ञान में अग्रणी है. इस मामले में छत्तीसगढ़ कुछ कम नहीं है. 

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष व धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के अलावा स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू उपस्थित थे.


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