Ramzan: तीसरा अशरा लगने पर एतकाफ में बैठते हैं मुसलमान, जानिए इस्लाम में इसका महत्व

Ramzan 2020: हदीस में बताया गया है कि रमजान में पैगंबर मोहम्मद भी एतकाफ में बैठा करते थे.

Ramzan: तीसरा अशरा लगने पर एतकाफ में बैठते हैं मुसलमान, जानिए इस्लाम में इसका महत्व

Ramzan 2020: रमजान की अहम इबादतों में से एक है एतकाफ.

नई दिल्ली:

Itikaf Significance: रमजान (Ramzan) मुबारक के पाक महीने का तीसरा अशरा आज से शुरू हो गया है. रमजान (Ramzan) के तीसरे अशरे (आखिरी 10 दिन) में मुसलमान समुदाय के लोग एतकाफ (Itikaf) में बैठते हैं और दुनियाई चीजों से खुद को अलग करके सिर्फ दिन-रात अल्लाह की इबादत करते हैं. एतकाफ के लिए पुरुष मस्जिदों में पर्दा लगाकर बैठते हैं, जबकि महिलाएं घर के किसी कोने में पर्दा लगाकर एतकाफ में बैठती हैं. हालांकि, इस बार कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से मस्जिदें बंद हैं. ऐसे में पुरुष लोग मस्जिदों में एतकाफ के लिए नहीं बैठ सकेंगे. 

इस्लाम में एतकाफ का महत्व
हदीस में बताया गया है कि रमजान में पैगंबर मोहम्मद भी एतकाफ में बैठा करते थे. इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, एतकाफ में बैठकर इबादत करने वाले लोगों को अल्लाह सभी गुनाहों (पापों) से मुक्ति कर देता है और उनकी हर जायज़ दुआ को पूरा करता है. इस्लाम धर्म के लोगों का ये भी मानना है कि रमजान के आखिर में एतकाफ में बैठने वालों पर अल्लाह की रहमत बरसती है.

एतकाफ में कब और कैसे बैठते हैं?
मुस्लिम समुदाय के लोग 20वें रोजे को असर-मगरिब की आजान के बीच एतकाफ में बैठते हैं और आखिरी रोजे (29 या 30) को ईद का चांद दिखने पर निकलते हैं. एतकाफ के दौरान पुरुष-महिलाएं 10 दिनों तक एक ही जगह पर खाते-पीते, उठते-बैठते और सोते जागते हैं और पूरे 10 दिनों तक पाबंदी से रोजा रखते हैं, नमाज-कुरान पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं. तारावीह पढ़ते हैं यानी खुद को हर चीज से दूर करके सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं. हालांकि, एतकाफ में बाथरूम या वॉशरूम जाने की उन्हें इजाजत होती है.

3 तरह के होते हैं एतकाफ
सुन्नत-
रमजान के आखिरी के 10 दिनों में एतकाफ में बैठना इस्लाम में सुन्नत बताया गया है.  

नफिल- साल में किसी भी दिन या रात में एतकाफ में बैठना नफील एतकाफ कहलाता है. हालांकि, ये लोगों की मर्जी पर निर्भर करता है कि उन्हें एतकाफ में बैठना है या नहीं. 

वाजिब - अगर किसी शख्स ने एतकाफ में बैठने की नियत की है, तो उसके लिए एतकाफ में बैठना जरूरी (वाजिब) हो जाता है. 

एतकाफ में किन चीजों से  बचना चाहिए
- एतकाफ में बैठने वाला शख्स बिना किसी अहम वजह के अपनी जगह से उठकर पर्दे के बाहर नहीं निकल सकता है. 

- एतकाफ के दौरान लड़ाई-झगड़ा करने किसी की बुराई करने से एतकाफ का सवाब नहीं मिलता है. 

- एतकाफ में बैठने वाले शख्स को साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. हमेश पाक कपड़ों में पाक जगह पर ही बैठना चाहिए. 

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- एतकाफ में बैठने वाले शख्स को मोबाइल और इंटरनेट से दूरी बनाकर अपना पूरा समय सिर्फ इबादत में लगाना चाहिए.