Sankashti Chaturthi 2020: आज है संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और महत्व
Sankashti Chaturthi 2020: आज संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) है. संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक शुभ दिन है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी तीथियां होती हैं. गणपति संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कार्तिक मास (अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार), और मार्गशीर्ष मास (पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (चंद्रमा के चरण) में मनाया जाता है. हालांकि, महीने के नाम अलग-अलग हैं, लेकिन तारीख एक ही है. प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी की तरह इस दिन भी भक्त उपवास रखते हैं और भगवान गणेश से उनका आशीर्वाद लेने और अपने जीवन में सभी बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए पूजा करते हैं. यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है.
संकष्टी चतुर्थी 2019: गणेश चतुर्थी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और व्रत कथा
संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग- 3 दिसंबर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से आरंभ होगा जो 04 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.
चन्द्रोदय का समय- दिसंबर शाम 7 बजकर 51 मिनट
चतुर्थी संध्या पूजा समय- शाम 5 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 45 मिनट तक
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि
इस दिन भक्त जल्दी उठते हैं और स्नान करने के बाद भगवान गणेश की पूजा करते हैं और मंत्र का जाप करते हैं. संकष्टी चतुर्थी पूजा शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद की जाती है. भगवान गणेश की मूर्ति को दुर्वा घास और ताजे फूलों से सजाया जाता है. इस दौरान एक दीपक भी जलाया जाता है जैसे कि हर दूसरे पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं. पूजा के अंत में व्रत कथा, जिस महीने में पूजा की जा रही है, उसको पढ़ा जाता है. संकष्टी चतुर्थी पर मोदक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि मोदक भगवान गणेश के पसंदीदा भोजनों में से एक हैं, जो ज्यादातर भक्तों द्वारा इस त्यौहार पर चढ़ावे के रूप में चढ़ाया जाता है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए गणेश चालीसा, गणेश स्तुति का पाठ करें. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत को पूरा करें.
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
भगवान गणेश को व्यापक रूप से ज्ञान, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है और परंपरागत रूप से किसी भी नए उद्यम की शुरुआत में या यात्रा की शुरुआत में आह्वान किया जाता है. संकष्टी चतुर्थी को गणाधिपति संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से घर में सुख शांति आती है. भगवान गणेश की कृपा होती है कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है. भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूरा करते हैं.
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