
Sawan Shivratri:सावन शिवरात्रि के दिन महादेव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है
खास बातें
- सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को है
- इस दिन महादेव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है
- मान्यता है कि सावन के महीने में भोले नाथ स्वयं पृथ्वी पर विराजते हैं
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि को विशेष फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि फाल्गुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि की तरह ही सावन शिवरात्रि में भी अक्षय पुण्य मिलता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार आदि देव भगवान शिव शंकर का दिन सोमवार है और सावन उनकी पूजा का सर्वश्रेष्ठ महीना है. मान्यता है कि सावन के महीने में स्वयं भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित पूरे महीने पृथ्वी पर विराजते हैं. यही वजह है कि सावन शिवरात्रि (Shivratri) के दिन भगवान भोले नाथ की विशेष पूजा का विधान है.
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सावन शिवरात्रि कब है?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सावन शिवरात्रि हर साल सावन के महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को आती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल अगस्त-सितंबर माह में सावन शिवरात्रि मनाई जाती है. इस बार सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को है.
सावन शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 30 जुलाई 2019 को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 31 जुलाई 2018 को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक
निशिथ काल पूजा: 31 जुलाई 2019 को दोपहर 12 बजर 06 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
पारण का समय: 31 जुलाई 2019 को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक
सावन शिवरात्रि का महत्व
हिन्दू धर्म को मानने वालों विशेषकर शिव भक्तों के लिए सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का महत्व बहुत ज्यादा है. शिवभक्त पूरे साल सावन शिवरात्रि की प्रतीक्षा करते हैं. सावन का महीना आते ही शिव भक्त बोल बम (Bol Bam) के नारों के साथ पैदल ही कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार और गौमुख निकल पड़ते हैं. फिर कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सावन शिवरात्रि के दिन अपने आराध्य भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना बेहद पुण्यकारी और कल्याणकारी माना जाता है. मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन जो भक्त सच्चे मन से शिव शंकर की पूजा करते हैं भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं.
सावन शिवरात्रि की पूजन विधि
- शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें.
- अब घर के मंदिर या शिवालय जाकर शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गन्ने का रस या चीनी का मिश्रण) चढ़ाएं.
- अब 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते हुए शिवलिंग पर एक-एक कर बेल पत्र, फल और फूल चढ़ाएं.
- मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है.
- मनचाहा वर पाने के लिए चने की दाल का भोग लगाने का विधान है.
- घर में सुख-शांति के लिए धतूरे के पुष्प या फल का भोग लगाया जाता है.
- शत्रुओं पर विजय पाने या कोर्ट केस जीतने के लिए शिवलिंग पर भांग भी चढ़ाई जाती है.