वृन्दावन के विश्वविख्यात बांकेबिहारी मंदिर में भी उठी महिलाओं को बराबर की भागीदारी देने की बात

वृन्दावन के विश्वविख्यात बांकेबिहारी मंदिर में भी उठी महिलाओं को बराबर की भागीदारी देने की बात

फाइल फोटो

मथुरा:

देश के अनेक धार्मिक स्थलों पर पूजा करने के अधिकार एवं संगठनों में बराबर की भागीदारी की आवाज़ ने वृन्दावन के विश्वविख्यात ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायतों को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनके बीच मौजूद महिलाओं को भी यह हक क्यों न मिले। यह आवाज़ उठाई है मंदिर के शयनभोग सेवायत पुजारियों में से एक प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने। प्रहलाद वल्लभ बांकेबिहारी मंदिर की सात सदस्यीय कमेटी में शयनभोग सेवायतों में से चुने जाने वाले दो में से एक सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने मांग उठाई है कि ठाकुर जी के जिन सेवायत परिवारों में कोई पुरुष सदस्य नहीं हैं उन परिवारों की बेटियों को शादी से पूर्व तक ठाकुर जी की सेवा-पूजा करने का अधिकार दिया जाए।

उन्होंने महिलाओं को व्यवस्था संचालन में भी बराबरी की मांग करते हुए कहा कि प्रबंध कमेटी के दो पद उनके लिए आरक्षित करने और इन चुनावों में महिलाओं एवं बालिग बेटियों को भी मतदान का अधिकार देने की बात कही।

उन्होंने यह भी मांग की है कि प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारे के समान ही सेवायत परिवारों में जन्म लेने वाली हर बेटी के लिए कमेटी एक धनराशि सुनिश्चित कर ‘फिक्स डिपॉजिट’ कराए और वह धनराशि उसे बालिग होने अथवा शादी के मौके पर भेंट स्वरूप प्रदान की जाए।

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दरअसल, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के चढ़ावे का हिसाब-किताब एवं मंदिर के प्रबंध से जुड़े हर कार्य के लिए तीन वर्ष में एक बार प्रबंध समिति का गठन किया जाता है। इस वर्ष यह चुनाव हो रहे हैं। राजभोग सेवा के दो सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके हैं और शयनभोग सेवा के लिए दो सदस्यों का चुनाव होना है, जिसके लिए आठ प्रत्याशी मैदान में हैं।