यशोदा जयंती विशेष: भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा का प्रेम अद्भुत और अतुलनीय है

यशोदा जयंती विशेष: भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा का प्रेम अद्भुत और अतुलनीय है

"जसोदा हरि पालने झुलावै.
हलरावै, दुलराइ मल्हावै, जोइ-जोइ कछु गावै॥
मेरे लाल कौ आउ निंदरिया, काहै न आनि सुवावै.
तू काहैं नहि बेगहि आवै, तोकौ कान्ह बुलावै॥
कबहुं पलक हरि मूँदि लेत हैं, कबहुं अधर फरकावै.
सोवत जानि मौन ह्वै कै रहि, करि-करि सैन बतावै॥
इहि अंतर अकुलाइ उठे हरि, जसुमति मधुरै गावै.
जो सुख सूर अमर-मुनि दुरलभ, सो नंद-भामिनि पावै॥"
 
उपर्युक्त पंक्तियां संत शिरोमणि महान कृष्णभक्त सूरदास जी की है, जिसमें वे माता यशोदा के उस प्रयास का वर्णन कर हैं कि बाल कृष्ण को नींद आ जाए. यशोदा कृष्ण को कभी झुलाती हैं, कभी प्यार करके पुचकारती हैं और चाहे जो कुछ गाती जा रही हैं. वे गाते हुए कहती हैं- ओ निंदिया! तू मेरे लाल के पास आ! तू क्यों आकर इसे सुलाती नहीं है. तू झटपट क्यों नहीं आती? तुझे कन्हाई बुला रहा है.

 
श्यामसुन्दर कभी पलकें बंद कर लेते हैं, कभी अधर फड़काने लगते हैं. उन्हें सोते समझकर माता चुप हो रहती हैं और साथ ही अन्य गोपियों को भी संकेत करके समझाती हैं कि यह सो रहा है, तुम सब भी चुप रहो. इसी बीच में कृष्ण आकुल होकर जग जाते हैं, मैया यशोदा फिर मधुर स्वर में लोरी सुनाने लगती हैं. सूरदासजी कहते हैं कि जो सुख देवों और ऋषियों के लिये भी दुर्लभ है, वह कृष्ण बालरूप में पाकर लालन-पालन और प्यार करने का परम सुख श्रीनन्दपत्नी प्राप्त कर रही हैं.
यहां इस पद्य प्रस्तुत करने का आशय इस पद के अर्थ और सुन्दरता की व्याख्या करना नहीं है, बल्कि मैया यशोदा के उन प्रयासों को स्मरण कराना है, जो मां के रूप उन्होंने किया. हर साल मैया यशोदा के सम्मान में यशोदा जयंती मनाई जाती है. भगवान कृष्ण की मां के रूप में यशोदा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ये मैया यशोदा का लालन-पालन और प्रेम था कि गोकुल का श्याम, कृष्ण से लीलाधर कृष्ण, मुरली मनोहर, राधा के कृष्ण, गोपियों के कृष्ण, गीता प्रवक्ता कृष्ण, योगेश्वर कृष्ण बन पाए. भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा के अपार प्रेम की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती. वास्तव में भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा का प्रेम अद्भुत और अतुलनीय है.  
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी के तिथि को यशोदा जयंती मनायी जाती है. इस साल यशोदा जयंती आज यानी 17 फरवरी को मनायी जा रही है. माता यशोदा की जयंती गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारका सहित सभी कृष्ण मंदिरों, खासकर दुनिया भर में फैले इस्कॉन मंदिरों में इस जयंती को विशेष रूप से मनाया जाता है.

आस्था सेक्शन से जुड़े अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com