त्रिपुरा : मुख्यमंत्री ने किया खर्ची पूजा का शुभारंभ
नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने राजधानी से सात किलोमीटर दूर स्थित 'पूरन हबेली' में सात दिवसीय 'खर्ची पूजा' का शुभारंभ किया. अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और गणमान्य अधिकारियों की मेजबानी में सदियों पुरानी पूजा का शुभारंभ किया.
यह वार्षिक पर्व नश्वर शरीर के पापों को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है. मूल रूप से हिंदुओं के पर्व को यहां अब सभी समुदाय और धर्म के लोग मनाते हैं.
Sawan 2018: इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का महीना, जानिए क्यों हैं इस बार 5 सोमवार
ढोलक की थाप के बीच रंगीन शामियाने, सजावट, धार्मिक रीति-रिवाज, मंत्रोच्चारण वाले इस त्योहार में 14 देवों की पूजा होती है. ये देव शिव, दुर्गा, विष्णु, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक, गणेश, बृह्मा, अबधी (जल देव), चंद्र, गंगा, अग्नि, कामदेव और हिमाद्री (हिमालय) हैं.
एक सप्ताह चलने वाला यह पर्व रिवाजों के अनुसार पूरे विधि-विधान से शुरू हुआ.
सभी देवों और पुजारियों को पुलिस के घेरे में लाया गया. पुलिस ने मुख्य शाही पुजारी राजा चेंतैया को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया.
शिरूर मठ के प्रमुख लक्ष्मीवरा तीर्थ स्वामी का निधन, जानिए उनके बारे में सबकुछ
इतिहासकार सुभाष दास ने बताया कि हावड़ा नदी में देवों को स्नान के लिए ले जाने के दौरान हजारों श्रद्धालु थे. इस दौरान सरकारी व्यय पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में 108 पशुओं की बलि दी गई.
त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार से समझौते के तहत पिछले कुछ दशकों से त्रिपुरा की सरकारें ही इस पर्व का खर्च वहन कर रही हैं.
दास ने कहा कि पूर्वोत्तर भारतीय क्षेत्र में 'खर्ची पूजा' सबसे बड़ा पर्व है.
'खर्ची पूजा' में शामिल होने के लिए प्रतिवर्ष औसतन 10-15 लाख श्रद्धालु देश भर से और पड़ोसी बांग्लादेश से आते हैं.