अमेरिकी संग्रहालय ने भगवान राम की 10वीं सदी की मूर्ति कंबोडिया को लौटायी

अमेरिकी संग्रहालय ने भगवान राम की 10वीं सदी की मूर्ति कंबोडिया को लौटायी

प्रतीकात्मक चित्र

वाशिंगटन/नोम पेन्ह:

अमेरिका ने 70 के दशक में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में गृह युद्ध के दौरान कंबोडिया से चोरी हुई भगवान राम की प्राचीन मूर्ति लौटा दी। दसवीं सदी की ‘टोरसो ऑफ राम’ नाम की इस मूर्ति के साथ कंबोडिया की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं।

हालांकि इस बलुआ पत्थर से बनी प्रतिमा का सिर, हाथ और पैर नहीं हैं। 30 साल पहले न्यूयार्क सिटी के डोरिस वेइनर गैलरी से डेनेवर आर्ट म्यूजियम ने इसे खरीदा था।

अंकोरवाट के कोह केर मंदिर से लूटी गयी थी मूर्ति
संग्रहालय ने कहा है कि हाल में कंबोडिया से चर्चा के बाद उसे यह पता चला कि खमेर शासन के समय की मूर्ति 70 के दशक में प्रसिद्ध अंकोरवाट परिसर के निकट कोह केर मंदिर से लूटी गयी थी।
 
संग्रहालय के निदेशक क्रिस्टोफ हेनरिक ने कंबोडियाई सरकार के साथ एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हाल में हमें पुष्ट सबूत मुहैया कराए गए जो कि खरीदारी के समय हमारे पास नहीं थे और हमने इसे वापस करने के लिए तुरंत उचित कदम उठाया।’’

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संग्रहालय के अधिकारियों ने कंबोडियाई सरकार को नोम पेन्ह में एक समारोह में 62 इंच लंबी मूर्ति को सौंपा। पिछले साल मई में क्लेवेलैंड म्यूजियम ऑफ आर्ट ने हनुमान की पत्थर की मूर्ति कंबोडिया को लौटायी थी।